अकेला

कल्याण : आम चुनाव में उम्मीदवार अपने सामाजिक कार्यों, व्यक्तिगत छवि की बदौलत जनता के बीच जाकर वोट मांगते हैं। वे बताते हैं कि उन्होंने ये काम किया है, वो काम किया है, फलाना किया है, ढिमका किया है, इसलिए उन्हें ही वोट दो। ऐसे में 138-कल्याण (पश्चिम) विधानसभा के शिवसेना उम्मीदवार विश्वनाथ आत्माराम भोईर ने अपील की है कि मतदाता मतदान यन्त्र पर उनके चेहरे की तरफ देखकर ही मतदान करें। जन स्वाभिमान ने उनके चेहरे और बायोडाटा को देखा तो चेहरे पर कातिलाना (शातिराना) मुस्कान और बायोडाटा में क्राइम ही क्राइम दिखा। 

विश्वनाथ भोईर शिवसेना, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), आरपीआई और रासप महायुति के उम्मीदवार हैं। हालांकि भोईर कल्याण में ही रहते हैं लेकिन उन्हें बाहरी माना जा रहा है। भिवंडी के सांसद कपिल पाटिल, कल्याण (पूर्व) के विधायक गणपत गायकवाड़, डोम्बिवली के विधायक रवींद्र चव्हाण और मुरबाड के विधायक किसन कथोरे ने राजनीतिक साजिश के तहत कल्याण (पश्चिम) की जनता के सर पर उन्हें थोप दिया है। इससे तो विशुद्ध भाजपाई और शिवसैनिक नाराज़ हैं। 

अब सवाल है कि विश्वनाथ भोईर ने कल्याण की जनता के लिए ऐसा क्या काम किया है, जिसके बूते वे वोट मांग रहे हैं। जवाब मिला कि उनकी पहली उपलब्धि यह है कि वे सांसद कपिल पाटिल के रिश्तेदार हैं और दूसरी उपलब्धि यह है कि वे क्रिमिनल हैं। या उत्तर प्रदेश की भाषा में कहें तो बाहुबली हैं। 

विश्वनाथ भोईर ने चुनाव निर्णय अधिकारी कार्यालय में जो शपथ पत्र दिया है उसके अनुसार उन्होंने मर्डर किया है। हाफ मर्डर किया है और एक्सटॉर्शन भी किया है। शपथ पत्र के अनुसार उनके खिलाफ महात्मा फुले पुलिस स्टेशन में तीन और बाजारपेठ पुलिस स्टेशन में एक एफआईआर दर्ज हैं। महात्मा फुले पुलिस स्टेशन में (1)-अपराध  क्रमांक-324/2001, भादंसं की धारा 302, 143, 147, 149, (2)-अपराध क्रमांक – 136/2002, भादंसं की धारा- 143, 147, 149, (3)-अपराध क्रमांक-332/2002, भादंसं की धारा -387, 324, 427, 307 और (4) अपराध क्रमांक -78/2009, भादंसं की धारा- 307, 143, 147, 148, 149, 341 और 427 के तहत अपराध दर्ज हैं। 

जनता, व्यापारी, मतदाता, शिवसैनिक, भाजपाई  उनके ‘इन सामाजिक कार्यों’ को देखकर सहमे हुए हैं।

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