Mahesh Agrawal

अकेला 

मन की बात : ब्रिटेन के काउंटी नॉटिंघम शायर के शेरवुड जंगल में रहनेवाला डकैत रॉबिन हुड अमीरों को लूटता था और गरीबों को बांटता था। हिन्दुस्तान के सुल्ताना डाकू की भी ऐसी ही कहानी है। कल्याण, डोम्बिवली, उल्हासनगर के एक बिल्डर की कहानी इससे उलट है। यह गरीबों का पानी लूटकर अमीरों को बांट रहा है। बिल्डर का नाम है महेश अग्रवाल उर्फ़ महेश मारवाड़ी। (Mahesh Agrawal Alias Mahesh Marwadi). 

महेश मारवाड़ी रिजेंसी ग्रुप का चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर है। (Mahesh Marwadi is Chairman and managing director of Regency Group). डोम्बिवली (पूर्व) में दावड़ी, गोलवली, पिसवली और अड़वली गांव की जमीन खरीदकर इसने 250 एकड़ भूखंड पर रिजेंसी अनंतम (Regency Anantam) का निर्माण किया है। इतना बड़ा प्रोजेक्ट बिना किसी कंट्रोवर्सी या बिना किसी वायलेशन के तो बन नहीं सकता। परन्तु मुझे उसके वायलेशन में नहीं जाना है। रिजेंसी अनंतम (Regency Anantam) से सबसे करीब दावड़ी, गोलवली, सोनार पाड़ा और टाटा पावर गांव के लोगों ने एबीआई (ABI-abinet.org) को अपनी व्यथा बताई। 


बताते हैं कि इन गांवों में पहले 24 घंटे पानी आता था। तीन साल पहले जब से रिजेंसी अनंतम (Regency Anantam) का निर्माण कार्य प्रारम्भ हुआ इन गांवों के पानी का प्रेशर कम होने लगा। जैसे-जैसे रिजेंसी अनंतम (Regency Anantam) के काम ने जोर पकड़ा वैसे-वैसे इन गांवों के पानी की रफ़्तार कम होती गई। फिर एक दिन गैप करके पानी आने लगा। फिर दो दिन गैप करके पानी की आपूर्ति होने लगी। अब हालात ये हैं कि पांच-पांच दिन पानी ही नहीं आता। पांचवें दिन पानी आता भी है तो उसका प्रेशर बहुत कम होता है। गांववालों ने जब इसका कारण पता किया तो मालूम पड़ा कि महेश मारवाड़ी ने कल्याण-डोम्बिवली महापालिका (Kalyan Dombivali Municipal Corporation, KDMC) और एमआइडीसी में सेटिंग कर गांववालों के हिस्से का पानी रिजेंसी अनंतम (Regency Anantam) में डाइवर्ट करवा दिया है। अब रिजेंसी अनंतम (Regency Anantam) में 24 घंटे पानी आता है और चार गांवों में पांच दिन में एक बार। चार गांवों में पानी को लेकर त्राहि-त्राहि है और रिजेंसी अनंतम (Regency Anantam) में वाह-वाह! 

पानी का महत्व 

सब कहते हैं जल ही जीवन है। ‘ग्रीष्मे चैव बसंते च पानीये यः प्रयच्छति,’ भविष्योत्तर पुराण के अनुसार ग्रीष्म और बसंत ऋतु में जो पानी पिलाने की व्यवस्था करता है, उसके पुण्य का हजारों जिह्वाएं भी वर्णन नहीं कर सकती हैं। 

स्कन्द पुराण में वर्णित है कि -त्रयाणामपि लोकाना मुद्रक जीवनं स्मृतमं ! पवित्रममृतं यस्मातददेर्य पुण्य मिच्छ्ता !! अर्थात तीनों लोकों में जल को जीवन, पवित्र और अमृत माना गया है। इसलिए पुण्य की कामना वाले लोगों को जल पिलाने की व्यवस्था करनी चाहिए।

निष्कर्ष 

इतिहास और वर्तमान गवाह है कि देश में सबसे ज़्यादा कुआं, बावड़ी और प्याऊ जैन (मारवाड़ी) समाज ने बनवाये हैं। महेश मारवाड़ी ने भी प्याऊ बनवाये हैं। परन्तु सब व्यर्थ है। जल अगर जीवन है तो महेश मारवाड़ी ने डोम्बिवली के चार गांवों के लाखों लोगों का जीवन छीन लिया है। गांववाले महेश मारवाड़ी को बद्दुआएं दे रहे हैं। इतिहास इसका भी गवाह है कि अमीरों को लूटकर गरीबों में बांटनेवाले सुल्ताना डाकू को 8 जून 1924 को फांसी दे दी गयी थी।

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