इट हैपेन्स ओनली इन उल्हासनगर : जब से सामने पुलिस चौकी बन गई ‘छोटू मटका’ दिन-दूनी-रात-चौगुनी तरक्की करने लगा

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अकेला

क्षेत्र में अपराध न हों, अपराधियों में भय रहे इस उद्देश्य से 25 जनवरी 2022 को उल्हासनगर के शहाड में पुलिस प्रशासन ने पुलिस चौकी का निर्माण (Inaugurated Police Chowki In Shahad, Ulhasnagar) कर दिया। लेकिन ये क्या- बंद होने के बजाय छोटू के मटके के धंधे ने तो जोर पकड़ लिया। चौकी बमुश्किल से मटके के धंधे से 100 मीटर की दूरी पर ही है। पब्लिक भी निडर हो गई। पहले से ज़्यादा संख्या में आने लगी।

शहाड रेलवे स्टेशन के आसपास का एरिया पहले से ही बदनाम है। झोपड़पट्टी की बहुलता होने की वजह से अपराधी यहीं पर शरण लेते हैं। ईरानी गैंग भी यहां ज्यादा सक्रिय है। सेंधमारी, पाकेटमारी, चेनमारी और पर्समारी कॉमन बात है। छोटू सावंत उर्फ़ छोटू के मटके का धंधा ‘छोटू मटका’ (Chhotu Matka) और गणेश लदगे (Ganesh Ladge) का एमडी (MD), चरस (Charas), गांजा (Ganja) और पोटली दारू (Potli Daru) का धंधा पहले से चलता है। कुछ संभ्रांत लोगों की पहल पर पुलिस प्रशासन ने शहाड ब्रिज के नीचे पुलिस चौकी का निर्माण कर दिया। तब के अतिरिक्त पुलिस आयुक्त दत्तात्रय कराले (Dattatray Karale) और महापौर लीला आशान (Leela Ashan) ने पुलिस चौकी का उद्घाटन किया। पुलिस चौकी का नाम है -पुलिस मदद कक्ष (Police Help Room)।

कायदे से तो पुलिस चौकी बनने के बाद छोटू के मटके का धंधा बंद हो जाना चाहिए था। लेकिन इस ‘पुलिस मदद कक्ष’ ने उसके धंधे को बढ़ाने में मदद कर दी। आश्चर्यजनक रूप से छोटू का मटका खूब चल पड़ा। बस छोटू को इतना ही कष्ट हुआ कि हफ्ते की रकम 50,000 रुपये से बढ़ाकर 1,00,000 रुपये माहवार करनी पड़ी। थोड़ा चाय-वाय, लंच-वंच का खर्चा बढ़ गया। उल्हासनगर-1 पुलिस स्टेशन के अधिकारी, कर्मचारी लंच करने, नाश्ता करने अथवा दोपहर में आराम फरमाने इसी चौकी में आने लगे। छोटू ने इसका भी हल निकाल लिया। खुद पुलिस चौकी में आराम करने आने लगा। उसके पंटर पुलिसवालों के साथ बैठकर चिकन सूप, चिकनचिल्ली खाने लगे। यह पुलिस मदद कक्ष छोटू मटका के ठीक सामने 100 फुट की दूरी पर है। ‘पुलिस चौकी माता’ की कृपा से सुबह 8 बजे वह धंधा शुरू करता है और रात 8 बजे तक बिंदास करता है।

छोटू मटका के साथ-साथ गणेश लदगे को भी यह पुलिस चौकी ‘शुभ-लाभ’ साबित हुई। जय भवानी माता मंदिर के पीछे, वीपी नाईक रोड पर गणेश लदगे का मादक पदार्थों का पुराना धंधा है। एमडी, चरस, गांजा, पोटली दारू सब बेचता है। ड्राई डे के तो उसका धंधा डबल हो जाता है। गणेश लदगे कहता है कि पुलिस चौकी की क्या औकात। फुल लॉक डाउन में पुलिस वाले ही उसे फोन करके पूछते थे- गणेश भाई खम्भा है क्या ? बंदोबस्त करो ना। आज साला आया है। जीजा आया है। उसके कस्टमर्स में रईस घराने की लडकियां ज़्यादा हैं। एक और बड़ी बात – गणेश लदगे का धंधा डॉ. बाबा साहब आंबेडकर स्कूल (Dr Babasaheb Ambedkar School) से मात्र 100 मीटर की दूरी पर ही है।

जिस पुलिस मदद कक्ष, छोटू मटका, गणेश लदगे का यहां इतना बखान हो रहा है ये सब उल्हासनगर-1 पुलिस स्टेशन की हद में पड़ते हैं। नाम के अनुसार उल्हासनगर में यह पुलिस स्टेशन भी नंबर-1 का भ्रष्ट पुलिस स्टेशन है। इसके सीनियर इंस्पेक्टर हैं राजेंद्र कदम। (Senior Inspector Rajendra Kadam).

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Mukesh
Mukesh
1 year ago

CAN ONLY SAY…WOW