भाजपा विधायक गणपत गायकवाड़, सहायक आयुक्त युवराज भदाने, नगरसेवक भुल्लर महाराज की शिकायत पर आयुक्त राजा दयानिधि ने नीलम बोडारे के खिलाफ करवाई थी इंक्वायरी, लेकिन नहीं की कोई कार्रवाई

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भुल्लर महाराज ने फिर की नीलम बोडारे को निलंबित करने, एफआईआर दर्ज करने और गिरफ्तार करने की मांग

अकेला

भारतीय जनता पार्टी (BJP) से कल्याण के विधायक गणपत गायकवाड़ (MLA Ganpat Gaikwad), उल्हासनगर महापालिका के सहायक आयुक्त युवराज भदाने (Yuvraj Bhadane) और नगरसेवक राजेन्द्रसिंह भुल्लर ‘महाराज’ की शिकायत पर तात्कालिक महापालिका आयुक्त डॉ. राजा दयानिधि (Commissioner Dr Raja Dayanidhi) ने उप लेखाधिकारी नीलम कदम-बोडारे-शेजवल (Neelam Kadam Bodare-Shejwal) के खिलाफ इंक्वायरी करवाई थी। लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की। यह शिकायत/इंक्वायरी नीलम बोडारे की अवैध पदोनत्ति को लेकर थी। प्रशासन के उदासीन रवैये से क्षुब्ध उल्हासनगर में बालासाहब की शिवसेना पार्टी के वरिष्ठ नगरसेवक राजेन्द्रसिंह भुल्लर ‘महाराज’ (Senior Councillor Rajendrasingh Bhullar ‘Maharaj’) ने फिर शिकायत कर नीलम बोडारे को निलंबित करने, एफआईआर दर्ज करने और गिरफ्तार करने की मांग की है।  

राजेन्द्रसिंह भुल्लर (महाराज)

भुल्लर महाराज ने 23 दिसम्बर 2022 को महापालिका आयुक्त, पुलिस उपायुक्त और वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक को लिखित शिकायत कर नीलम बोडारे पर कार्रवाई की मांग की है। महाराज ने नीलम बोडारे पर लगे आरोपों और उनके खिलाफ लगातार की गयी शिकायतों का हवाला दिया है।

अवैध पदोन्नति की शिकायत   

भाजपा के एक स्तरहीन नगरसेवक जमनु पुरसवानी ( BJP Councillor Jamnu Purswani) ने 28 मई 2019 को महापालिका की विशेष महासभा में नीलम बोडारे को क्लर्क से उप लेखाधिकारी पद पर पदोन्नत करने का प्रस्ताव (क्रमांक-2) रखा। नीलम बोडारे के नगरसेवक चाचा धनंजय बोडारे ने अनुमोदन किया। मात्र दो दिन में ही यानि 30 मई 2022 को प्रशासन ने इम्प्लीमेंट्स भी कर दिया। उससे बड़ी बात, नीलम बोडारे की पदोन्नति समिति के सदस्यों में से एक नितेश रंगारी तब निलंबित थे। दूसरे सदस्य महेंद्र भोये का तबादला हो गया था और युवराज भदाने छुट्टी पर थे। इनके भी हस्ताक्षर पाए गए। गणपत गायकवाड़, युवराज भदाने और भुल्लर महाराज की शिकायत पर डॉ. राजा दयानिधि ने 20 जून 2022 को प्रस्ताव (क्रमांक-8) पास कर नीलम बोडारे की अवैध पदोन्नति की जांच कराने का आदेश दिया। जांच हुई। लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।  

ध्यातव्य है कि…. 

1– नीलम बोडारे की नियुक्ति अवैध है, 2-पदोन्नति अवैध है, 3– उप लेखाधिकारी पद अवैध है, 4– 12वीं की डिग्री फर्जी है, 5– बी. कॉम की डिग्री फर्जी है, 6– शिक्षण विभाग में घोटाले किये हैं, 7– घोटाले से लगभग 300 करोड़ रुपये की कमाई की है, 8– यू-ट्यूबर को इंटरव्यू देने पर कारण बताओ नोटिस जारी हुई है, 9-शिक्षण विभाग के ऑडिट कराये जाने की जानकारी मिलते ही विभाग से फाइलें चोरी हो गईं, 10– नीलम बोडारे और शिक्षा विभाग के प्रशासनिक अधिकारी हेमंत शेजवल शक के दायरे में, 11– चपेट में आते देख हेमंत शेजवल ने बयान बदला कि फाइल चोरी हुई ही नहीं, 12– हेमंत शेजवल (Hemant Shejwal) ने ही 7 दिसम्बर 2022 को उल्हासनगर-1 पुलिस स्टेशन में भादंसं की धारा 454, 457, 380 और 511 के तहत एफआईआर (संख्या-559/2022) दर्ज कराई है कि शिक्षण मंडल/शिक्षण विभाग से फाइलें चोरी हो गईं हैं, 13– पुलिस ने भी अभी तक कार्रवाई/जांच स्टार्ट नहीं की। 

भुल्लर महाराज लगभग ढाई सालों से नीलम बोडारे के इस कृत्य को लिखित शिकायतें कर करके प्रशासन को आगाह कर रहे हैं लेकिन प्रशासन को इससे कोई फर्क नहीं पड़ रहा है। भुल्लर महाराज ने 23 दिसम्बर 2022 वाली शिकायत में अपनी सभी शिकायतों का हवाला  दिया है और मांग की है कि नीलम बोडारे के खिलाफ भादंसं की धारा – 420, 427, 465, 466, 467, 468, 471, 474, 379, 380, 182, 120 (बी) और 34 के तहत एफआईआर की जाए। भुल्लर महाराज कहते हैं, “प्रशासन ऐसे ही नीलम बोडारे के प्रति दयालु बना रहा तो उसकी और पूरे प्रकरण की सीआईडी से जांच करवानी पड़ेगी।”

राजनैतिक रंग  

नीलम बोडारे के इस कृत्य पर पर्दा डालने के लिए बोडारे एन्ड फैमिली ने इसे राजनैतिक रंग दे दिया। अफवाह फैला दी थी कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे चाहते हैं बोडारे परिवार उनकी पार्टी ज्वाइन कर ले। पार्टी ज्वाइन करते ही शिकायतें और कार्रवाई रुक जाएगी। इसीलिए वे भुल्लर महाराज से शिकायतें करवा रहे हैं। लेकिन स्थिति कुछ और है। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (Chief Minister Eknath Shinde) की बोडारे फैमिली में कोई दिलचस्पी नहीं है। नीलम बोडारे सांसद श्रीकान्त शिंदे (MP Shrikant Shinde) से दो बार मिल चुकी हैं। नीलम बोडारे ने श्रीकान्त शिंदे से कहा कि उनके पिता चंद्रकांत बोडारे उनकी पार्टी ज्वाइन करना चाहते हैं लेकिन उनका चाचा धनंजय बोडारे अकड़ रहा है। श्रीकान्त शिंदे ने नीलम बोडारे की बात पर ध्यान नहीं दिया। चंद्रकांत बोडारे भी मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से नागपुर में मिले। एकनाथ शिंदे ने भी चंद्रकांत बोडारे को भाव नहीं दिया।

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