अकेला
अजीत शंकर भाटिया बोले तो हैबिचुअल चीटर (Ajit Shankar Bhatia : A Habitual Cheater)। उल्हासनगर महानगरपालिका (Ulhasnagar Mahapalika) ने अजीत भाटिया का एक बिल्डिंग प्लान रद्द कर दिया है और भादंसं की धारा 420 के तहत एफआईआर (FIR under section 420 of IPC) भी दर्ज करने जा रही है। अजीत भाटिया ने एक मृत महिला (Dead Woman) के नाम प्लान पास करवाकर बिल्डिंग बना ली है।
उल्हासनगर के प्रसिद्ध बिजनेसमैन अर्जुन रामरख्याणी उर्फ़ अज्जू दादा ने (well known businessman Arjun Ramrakhyani alias Ajju Dada) 27 मई 2022 को महापालिका में लिखित शिकायत कर बताया था कि अजीत भाटिया ने बैरक नंबर-409, सीट-85, कक्ष- 8/9, सीटीएस नंबर 8003/8004, आराधना बिल्डिंग के पीछे, गोल मैदान, उल्हासनगर-1 में जो बिल्डिंग (आकाश विला) बनाई है वह अवैध है। अज्जू दादा ने सबूत भी दिया था कि जिन लक्ष्मीबाई हरयाणी के नाम पर बिल्डिंग का प्लान पास हुआ है उनकी 15 जून 2000 को मौत हो गई है। और बिल्डिंग का प्लान पास हुआ 5 अगस्त 2013 को। अजीत भाटिया ने इस बाबत समस्त हस्ताक्षर फर्जी किये और सारे दस्तावेज भी फर्जी जमा किये। महापालिका ने जांच में पाया कि अज्जू दादा की शिकायत सही है। अज्जू दादा की मांग पर अब महापालिका ने अजीत भाटिया को नोटिस जारी की है। नोटिस में सीसी को भी रद्द किये जाने का जिक्र है।
मजेदार बात, 1 अप्रैल 2015 को महापालिका ने इंस्पेक्शन रिपोर्ट बनाई है जिसमें खुद लिखा है कि अजीत भाटिया ने ग्राउंड फ्लोर, फर्स्ट फ्लोर, सेकंड फ्लोर और थर्ड फ्लोर, प्रति फ्लोर 15.40 वर्ग मीटर (कुल 61.60 वर्ग मीटर) का अवैध निर्माण किया है। यह बिल्डिंग ग्राउंड प्लस फाइव फ्लोर की है।
ये वही अजीत भाटिया है जिसके बारे में एबीआई (ABI) लिखता आया है कि यह वर्तमान में उल्हासनगर का सबसे बड़ा चीटर (Cheater) है। फर्जी दस्तावेज़ बनाने और फर्जी एफआईआर करने में नंबर-वन है। अजीत भाटिया ने एबीआई को सच्ची पत्रकारिता करने की सलाह दी और लीगल एक्शन लेने की धमकी भी। महापालिका की नोटिस मिलने के बाद सलाह और धमकी की खुजली तो मिट गई होगी। शायद।