रंजीत महांती
उल्हासनगर की सेन्ट्रल पुलिस ने फर्जी बहू के खिलाफ आखिरकार एफआईआर दर्ज कर ली है। दिव्या माने नामक इस तथाकथित बहू ने अपने ससुर के घर पर कब्जा कर लिया था तथा अन्य तरीके से भी ससुर अशोक सहदेव सरोज को परेशान कर रही थी। हालांकि पुलिस ने अपने दो पांडु हवलदारों को बचा लिया। उन पर कोई कार्रवाई नहीं की।
एबीआई ने इस मामले में दो बार न्यूज़ प्रकशित की थी। पहली ही न्यूज़ पर पुलिस के आला अधिकारियों ने जाँच बैठा दी थी। अम्बरनाथ डिवीजन के एसीपी विनायक नरले जाँच कर रहे हैं। दूसरी न्यूज़ पर उल्हासनगर के एसीपी डीडी टेले ने अशोक सरोज को बुलाया और दिव्या माने के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर लेने की बात बताई।
26 जून 2021 को सेंट्रल पुलिस स्टेशन ने दिव्या सुदर्शन माने (23) के खिलाफ भादंसं की धारा 341 और 448 के तहत एफआईआर (नंबर- 178/ 2021) दर्ज की। एफआईआर की प्रति एबीआई के पास है।
दिव्या माने की कहानी बड़ी दिलचस्प है। कल्याण में किसी वकील के यहां टायपिस्ट की नौकरी करने वाली दिव्या गणेश चाल, वांगनी (पश्चिम), बदलापुर में रहती है। उसका बाप सुदर्शन माने कल्याण-डोम्बिवली महानगरपालिका में कर्मचारी है। आमिर रमजान खान (25) से पहले से ही शादीशुदा, दो बच्चों की मां दिव्या को अशोक सरोज (42) के बेरोजगार और नाबालिग बेटे विपिन (17) से फेसबुक पर प्यार हो गया। दोनों पति-पत्नी की तरह रहने लगे। पेशे से लिफ्ट मैकेनिक अशोक सरोज सातारा कॉलोनी, शांतिनगर, उल्हासनगर-3 में रहते हैं। अशोक के ससुर रामहरक सरोज की कोरोना से मौत होने पर वे 4 अप्रैल 2021 को अपने पैतृक गांव उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ चले गए।
इट हैपेंस ओनली इन उल्हासनगर
इधर दिव्या ने 18 अप्रैल 2021 को सेन्ट्रल पुलिस स्टेशन में अर्जी दी कि उसे अपने ससुर अशोक सरोज के बंद घर पर कब्जा करना है। जो अजूबी घटनाएं पूरे देश में नहीं होतीं वो उल्हासनगर में होती हैं। सेन्ट्रल पुलिस स्टेशन ने दिव्या की अर्जी स्वीकार कर ली। साथ ही दो पांडु हवलदार भी भेज दिए। पांडु हवलदारों की मौजूदगी में दिव्या ने ताला तोड़ा और घर पर कब्ज़ा कर लिया। दिव्या जब ताला तोड़ रही थी तो पड़ोसियों ने इसका विरोध किया। इस पर पांडु हवलदारों की आत्मा जाग गई। पांडुओं ने पड़ोसियों को धमकी दी कि अगर वे ताला तोड़ने से मना करेंगे तो सरकारी काम में हस्तक्षेप करने का चार्ज लगाकर वे उन्हें गिरफ्तार कर लेंगे।
7 मई 2021 को अशोक सरोज गांव से वापस आये तो दिव्या ने उन्हें घर में घुसने नहीं दिया। घर पर कब्ज़ा करने का दिव्या ने उन्हें पुलिस का परमिशन लेटर दिखाया। अशोक सरोज सेन्ट्रल पुलिस स्टेशन न्याय मांगने जाने लगे। दिव्या ने पता नहीं क्या जादू कर दिया था कि सीनियर इंस्पेक्टर सुधाकर सुराडकर, इंस्पेक्टर (अपराध) राजेंद्र काते, सहायक निरीक्षक दीपक शिंदे आदि तो अशोक सरोज को देखते ही गाली देकर भगा देते थे। दिव्या ने विपिन से रजिस्टर्ड शादी और आमिर से तलाक का फर्जी सर्टिफिकेट भी बनवा लिया है।
राजेंद्र काते और दीपक शिंदे जैसे अधिकारी अशोक सरोज को बताते कि दिव्या भी मामूली महिला नहीं है। बहुत खतरनाक है। उसकी भी पहुँच बहुत ऊपर तक है। एबीआई की न्यूज़ के बाद सेन्ट्रल पुलिस स्टेशन को क़ानून का ज्ञान हुआ और फिर दिव्या के खिलाफ एफआईआर दर्ज की।
Police ko apni duty sachai or imandari se nibhani chaiye ,Central Police chowki mai Maine dekha tha ek faryaadi mahila ko Arropi Police ke samne hi marne ki dhamki de raha tha ,Central Police chowki mai Aropi se milne yaa khaana dene pe hawaldaro ne Daru or pani ke box ki maang ki (Maine jo bhi likha hai wo mera akhoo dekha hua hai)
Ajit Paryani (RTI ACTIVITES)
MEMBER OF ULHAS CITIZEN FORUM