नीलम कदम-बोडारे-शेजवल

अकेला

ABI IMPACT : उल्हासनगर महापालिका की उप लेखा अधिकारी नीलम कदम-बोडारे-शेजवल (Neelam Kadam-Bodare-Shejwal) का मुख अब जेल की तरफ हो गया है। महापालिका आयुक्त अज़ीज़ शेख ने (Ulhasnagar Municipal Commissioner Aziz Shaikh) महापालिका के शिक्षण विभाग/शिक्षण मंडल को ऑडिट कराने के लिए स्थानिक निधि लेखा परीक्षक (Directorate of Local Fund Accounts Audit) को पत्र लिखा है।

अज़ीज़ शेख ने 9 नवम्बर 2022 को स्थानिक निधि लेखा परीक्षण विभाग, नवी मुंबई के संचालक (Directorate of Local Fund Accounts Audit, Navi Mumbai) को पत्र लिखकर शिक्षण मंडल/ शिक्षण विभाग का विशेष लेखा परीक्षण कराने की सिफारिश की है। पत्र में ज़िक्र है कि शिक्षण विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार की लगातार शिकायतें मिल रही थीं। इस बाबत 3 नवम्बर 2022 को महासभा में प्रस्ताव भी पास किया गया है। अब 12 सालों का विशेष लेखा परीक्षण कराना ज़रूरी है।

आयुक्त के लिखे पत्र की प्रति एबीआई (Akela Bureau of Investigation) के पास है। नीलम का चाचा धनंजय बोडारे (Neelam’s uncle Dhananjay Bodare) अब अपना सिर फिर दीवार पर पटक सकता है कि आयुक्त का लिखा पत्र एबीआई (abinet.org) के पास पहले कैसे पहुँच गया।

राजेन्द्रसिंह भुल्लर ‘महाराज’

बता दें कि उल्हासनगर में बालासाहब की शिवसेना पार्टी के वरिष्ठ नगरसेवक राजेन्द्रसिंह भुल्लर ‘महाराज’ (Rajendrasingh Bhullar ‘Maharaj’) ने 12 अक्टूबर 2022 को नीलम बोडारे के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate), आयकर विभाग (Income Tax), भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (Anti Corruption Bureau ) सहित कई सम्बंधित सरकारी विभागों में शिकायतें कर नीलम की चल-अचल सम्पत्तियों की जांच की मांग की है। उसमें एक मांग यह भी है कि उमपा के शिक्षण विभाग को भारत के नियन्त्रक एवं महालेखापरीक्षक (Comptroller and Auditor General of India) से ऑडिट कराएं।

ध्यातव्य है कि भुल्लर महाराज चाहते हैं कि वर्ष 2009 से अब तक ऑडिट हो। आयुक्त अज़ीज़ शेख ने भी वर्ष 2009 से अब तक ऑडिट कराने की सिफारिश की है। और नीलम बोडारे भी वर्ष 2009 से ही लेखा विभाग में कार्यरत है। पहले वह अवैध तरीके से क्लर्क बनी और फिर अवैध तरीके से ही उप लेखा अधिकारी बन गई। ठेकेदारों के जरिये उसने गणवेश, चिक्की, मध्यान्ह भोजन, विद्यालय दुरुस्ती, कर्मचारियों के वेतन, शैक्षणिक साहित्य और फर्जी पेमेंट में खूब घोटाला किया। घोटाले की कुछ राशि उसने अपने नाबालिग बेटे कुणाल शेजवल (Kunal Shejwal) के नाम खोले बैंक खाते में जमा किया।

नीलम बोडारे के कुछ बैंक खातों के ट्रांजेक्शन्स बताते हैं कि उसने इन 12 सालों में महापालिका के शिक्षण विभाग से कम से कम 300 करोड़ रुपये की कमाई की है। मुंबई के माटुंगा का फ्लैट, रिसोर्ट, शो रूम आदि संपत्तियां उसने उल्हासनगर में एयरटेल मोबाइल की गैलरी चलानेवाले के नाम रजिस्टर्ड की हुई हैं।

भुल्लर महाराज की शिकायतों और एबीआई (ABI) में प्रकाशित खबरों से नीलम बोडारे, उसके चाचा, मामा, काका सब बौखला गए। दिन में ही आव-बक करने लगे। एक यू-ट्यूबर (टुंटपुजिये पत्रकार) को इंटरव्यू देकर नीलम बोडारे ने भुल्लर महाराज और एबीआई को सबक सिखाने की धमकी दी। आयुक्त अज़ीज़ शेख ने इस बाबत नीलम बोडारे को कारण बताओ (अनुशासनात्मक कार्रवाई) की नोटिस जारी की हुई है। नीलम बोडारे को अभी तक निलंबित न किये जाने से भुल्लर महाराज अप्रसन्न हैं। भुल्लर महाराज इस बात से भी अप्रसन्न हैं कि शिक्षा विभाग को स्थानिक निधि लेखा परीक्षण विभाग से ऑडिट कराया जा रहा है जबकि उन्होंने भारत के नियन्त्रक एवं महालेखापरीक्षक से ऑडिट कराने की मांग की है।

महापालिका के अन्य अधिकारियों का मानना है स्थानिक निधि लेखा परीक्षक नागरगोज़े साटम भ्रष्ट अधिकारी हैं। बड़ी जल्दी मैनेज हो जाते हैं। उल्हासनगर महापालिका के शिक्षण विभाग की वर्ष 2018 तक की ऑडिट नागरगोज़े साटम ने ही की थी। सारे ऑब्जेक्शन्स को उन्होंने क्लियर कर दिया था।

नीलम बोडारे को मीडिया को इंटरव्यू देने के मामले में कारण बताओ नोटिस जारी हुआ है। अब स्थानिक निधि लेखा परीक्षण विभाग से शिक्षण विभाग को ऑडिट कराने की सिफारिश हुई है। उसकी नियुक्ति अवैध है। पदोन्नति अवैध है। जिस पद पर है वह अवैध है। 12वीं और बी. कॉम की डिग्रियां फर्जी हैं। इन पर अभी कार्रवाई होनी बाक़ी है।

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