आईएएस राधेश्याम मोपलवार

अकेला

बॉलीवुड की एक फिल्म देवदास ( Bollywood Movie Devdas) का डायलॉग है कि एक चुटकी सिन्दूर की कीमत तुम क्या जानो रमेश बाबू। महाराष्ट्र कैडर के आईएएस (IAS) और महाराष्ट्र राज्य सड़क विकास प्राधिकरण (MSRDC) के निदेशक राधेश्याम मोपलवार ( Director Radheshyam Mopalwar) उर्फ़ राधे ने तो तीन-तीन चुटकी सिन्दूर की कीमत पता करने का दुःसाहस कर डाला। अब उन्हें एक तलाक की कीमत (Price of Divorce) पता चल गई। राधेश्याम मोपलवार के एक तलाक की कीमत क्या है यह हमें, आपको, जनता को, राज्य सरकार को (State Government), ईडी (Enforcement Directorate), सीबीआई (CBI), एसीबी (ACB), ईओडब्ल्यू (EOW), सबको पता चलनी चाहिए।

महाराष्ट्र के एक बहुत बड़े घोटाले ‘तेलगी घोटाले’ (Telgi Scam) में निलंबित हो चुके, सेवानिवृत्त हो चुके परन्तु सात दफा सेवा विस्तार पा चुके और वर्तमान में महाराष्ट्र राज्य सड़क विकास प्राधिकरण के निदेशक पद को सुशोभित कर रहे राधेश्याम मोपलवार की निजी ज़िन्दगी भी बड़ी फ़िल्मी और दिलचस्प है। और भ्रष्टाचार भरी ज़िन्दगी के लिए तो बड़े-बड़े घोटालेबाज़ इनसे कोचिंग ले सकते हैं।

भूमिका : राधेश्याम मोपलवार की पहली शादी किसी पुष्पा (Married with Pushpa) से 22 जून 1980 को हुई थी। 1982 में राधेश्याम मोपलवार बीड जिले के प्रोबेशनरी डिप्युटी कलेक्टर (Probationary Deputy Collector, Beed) थे। इस बीच औरंगाबाद में उनकी मुलाकात मनीषा देशमुख (Manisha Deshmukh) से हो गई। मनीषा देशमुख तब पढाई कर रही थीं। पहली ही मुलाकात में राधेश्याम मोपलवार को मनीषा देशमुख से प्यार हो गया। मिलने जुलने का सिलसिला शुरू हो गया। पहली बीवी पुष्पा को तलाक दिए बिना राधेश्याम मोपलवार ने मनीषा देशमुख से 6 जून 1985 को रजिस्टर्ड शादी कर ली। मनीषा देशमुख से उन्हें दो बेटियां – मैत्रेयी और तन्वी- हुईं।

कहते हैं कि एक बार प्यार होगा तो बार-बार होगा। वर्ष 2010 में राधेश्याम मोपलवार अपनी दूसरी पत्नी मनीषा मोपलवार के साथ कांग्रेस पार्टी के राज्यसभा सदस्य अशोक पाटिल (Ashok Patil) की बेटी की शादी समारोह में शामिल होने दिल्ली गए थे। वहां पहली ही मुलाकात में बहुत बड़े बिजनेसमैन अनिल वेदमेहता (Businessman Anil Vedmehta) की पत्नी प्रियंका वेदमेहता उर्फ़ प्रियंका मिश्रा (Priyanka Vedmehta alias Priyanka Mishra) पर फ़िदा हो गए। दिल्ली (Delhi), सिंगापुर (Singapore) और शिकागो (Chicago) में डेटिंग करने के बाद राधेश्याम मोपलवार ने प्रियंका वेदमेहता से शादी कर ली। अब प्रियंका ही राधेश्याम मोपलवार की तीसरी पत्नी हैं। उम्र में प्रियंका मिश्रा राधेश्याम मोपलवार की बेटी जितनी हैं।

कहानी : प्रियंका वेदमेहता से शादी के बाद जाहिर है राधेश्याम-मनीषा के बीच खूब फैमिली ड्रामा हुआ होगा। मनीषा मोपलवार और पुत्री तन्वी मोपलवार ने तलाक के बदले जो गुजारा भत्ता (Alimony) माँगा वही इस स्टोरी का सार है। वर्ष 2014 में मनीषा ने राधेश्याम मोपलवार के तलाक (Divorce) पेपर पर साइन कर दिए परन्तु तलाक के एवज़ में क्या-क्या लिया। पढ़ें –

1– छः करोड़ रुपये नकद, 2 -वर्ली की कल्पतरु होराइजन बिल्डिंग में 10,000 वर्ग फुट (कीमत 20 करोड़ रुपये) का एक फ्लैट, 3– नांदेड़ में पांच एकड़ भूखंड, 4– नांदेड़ का तमसा कॉटन मिल, 5– एमआईडीसी, तलेगांव में 5 एकड़ भूखंड, 6– औरंगाबाद में पांच एकड़ भूखंड, 7– नागपुर में एग्रीकल्चर लैंड, 8– पनवेल में 9 एकड़ लैंड, 9– पनवेल में ही 6 एकड़ दूसरा लैंड, 10– फ़्लोरीकल्चर प्रोजेक्ट (ब्लूमिंग डेल), 11– शेयर बाजार के इन्वेस्टमेंट्स, 12– कोठारी कन्स्ट्रक्शंस में 5000 वर्ग फुट का ड्यूप्लेक्स फ्लैट, 13– लैंड रोवर कार, 14– 10 करोड़ रुपये की ज्वेलरी, 15– नांदेड़ का नंदी ग्राम पंचायत कॉलेज, 16 – बैंक स्टेटमेंट के अनुसार राधेश्याम मोपलवार ने 32 करोड़ रुपये चेक और नकद मनीषा मोपलवार के खाते में जमा/ट्रांसफर किये हैं। 

तलाक के बाद इतनी ज़्यादा संपत्ति मिलने पर मनीषा मोपलवार का पुत्री तन्वी मोपलवार के प्रति रवैया बदल गया। मनीषा अपनी तरह से ज़िन्दगी जीने लगीं। एक हिसाब से तन्वी अनाथ हो गई। लिहाजा उसने भी गुजारा भत्ता माँगा। राधेश्याम मोपलवार ने ख़ुशी-ख़ुशी गुजारा भत्ता दे दिया। पढ़ें-

1– 20 करोड़ रुपये नकद, 2–  विरार में महेश पाटिल के कंस्ट्रक्शन की भागीदारी, 3 – बाबुलनाथ के मधुकुट्टी के एसआरए प्रोजेक्ट की भागीदारी। इसमें राधेश्याम मोपलवार ने तीन करोड़ रुपये इन्वेस्ट किये थे, 4– उमरौली, पालघर में शुरू प्रोजेक्ट की हिस्सेदारी। इसमें राधेश्याम मोपलवार ने तीन करोड़ रुपये इन्वेस्ट किये थे, 5– पामबीच, वाशी के अपूर्वा अपार्टमेंट का फ्लैट, 6 – फाइव सीरीज़ की बीएमडब्ल्यू कार।     

तन्वी मोपलवार ने 14 दिसम्बर 2015 को एक एफिडेविट/घोषणा (Affidavit Cum Declaration) पत्र बनाया। ऐसे ही मनीषा मोपलवार ने 14 अक्टूबर 2017 को प्रधानमंत्री कार्यालय को पत्र लिखकर राधेश्याम मोपलवार के खिलाफ शिकायत की थी। इस एफिडेविट और शिकायत पत्र में गुजारा भत्ता लेने-देने का ज़िक्र है। एफिडेविट/शिकायत पत्र की प्रति एबीआई (Akela Bureau of Investigation) के पास है।

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