एबीआई इम्पैक्ट : बैंक और मृत पार्टनर्स के साथ धोखाधड़ी करनेवाले अमरावती पेट्रोल पम्प के मालिक अर्जुन उपाध्याय के खिलाफ एफआईआर दर्ज

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कल्याण (पूर्व) की (Kalyan East) कोलसेवाड़ी पुलिस (Kolsewadi Police) ने अर्जुन विजयनारायण उपाध्याय (Arjun Vijaynarayan Upadhyay) के खिलाफ चीटिंग और विश्वासघात की प्राथमिकी (FIR) दर्ज की है। अर्जुन उपाध्याय पर अपने पार्टनर्स (Partners) और बैंक (Bank) के साथ चीटिंग (Cheating) करने का आरोप है।

कल्याण के कोलसेवाड़ी में रहनेवाली पूर्णिमा मिश्रा (Poornima Mishra) की शिकायत पर 26 फरवरी 2022 को कोलसेवाड़ी पुलिस ने भादंसं की धारा 420 और 406 के तहत एफआईआर (नंबर- 100/2022) दर्ज की है। एफआईआर की प्रति एबीआई (ABI) के पास मौजूद है। शुक्रवार को एबीआई (abinet.org) ने मुंबई के उत्तर भारतीय बिल्डर ने की कल्याण में बैंक और अपने मृत पार्टनर्स से 21 लाख की चीटिंग शीर्षक से खबर प्रकाशित की थी। इसका बड़ा इम्पैक्ट हुआ। कोलसेवाड़ी पुलिस ने दूसरे ही दिन एफआईआर दर्ज कर ली।

अर्जुन उपाध्याय (Arjun Upadhyay) मुंबई के उपनगर सायन (Sion) में रहता है। ओम साईं ऑटोमोबाइल्स (Om Sai Automobiles) कंपनी में यह पार्टनर था। इसके तहत यह कंस्ट्रक्शन के धंधे में है और अमरावती पेट्रोल पम्प का मालिक (Owner of Amravati Petrol Pump) है। ओम साईं ऑटोमोबाइल्स कंपनी का कार्यालय कल्याण (पूर्व) के चिंचपाड़ा गांव में है। इसके बाकी दो भागीदारों की 14 जनवरी 2012 को सभाजीत दुबे (Sabhajeet Dubey) और 26 जुलाई 2012 को वेदप्रकाश मिश्रा (Vedprakash Mishra) की मौत हो गई। कुछ माह पहले वेदप्रकाश मिश्रा की विधवा पत्नी पूर्णिमा मिश्रा को किसी ने बताया कि अर्जुन उपाध्याय ने कंपनी के बैंक खाते से रुपये निकाल लिए हैं। कंपनी का खाता सेंट्रल बैंक ऑफ़ इंडिया (Central Bank of India) की कल्याण (पूर्व) शाखा में है। 

पूर्णिमा मिश्रा बैंक गयीं तो बात सच निकली। पूर्णिमा मिश्रा को बताया गया कि अर्जुन उपाध्याय आया था। उसने बताया कि उसके दोनों भागीदारों की मौत हो गयी है। इसके लिए उसके भागीदारों ने उसे अनापत्ति प्रमाणपत्र (NOC) दिया हुआ है। उसने एनओसी दिखाई और बैंक खाते से 20,56,403 रुपये अपने निजी खाते में ट्रांसफर कर लिए। जिस खाते में उसने रुपये ट्रांसफर किये थे पांच मिनट के ही अंदर उससे दूसरे खाते में ट्रांसफर कर लिए। बैंक अधिकारी के अनुसार डॉक्युमेंट्स का झेरोक्स कराने के बहाने अर्जुन बैंक से बाहर गया और फरार हो गया। 

कोलसेवाड़ी पुलिस ने तब के बैंक प्रबंधक (Bank Manager) मलय कुमार रे (Malay Kumar Ray) का भी बयान दर्ज किया है। रे ने भी माना है कि अर्जुन उपाध्याय ने बैंक को गुमराह करके रुपये ट्रांसफर किये हैं।

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कमलेश दुबे

एबीआई का इंपैक्ट होना ही था क्योंकि सबूतों के साथ समाच प्रस्तुत किया गया था.