अकेला 

एक सनसनीखेज घटनाक्रम में मुलुंड के श्रीमती एमटी अग्रवाल अस्पताल (Smt. MT Agrawal Hospital, Mulund) में 149 मरीजों की यहां के फर्जी डॉक्टरों ने हत्या कर दी। अस्पताल मुंबई महानगरपालिका द्वारा संचालित है। एक मृतक के भाई गोल्डी शर्मा ने आरटीआई के जरिये इस घटना को उजागर किया है। बड़ी मशक्कत के बाद मुलुंड पुलिस ने अस्पताल, फर्जी डॉक्टर और डॉक्टर सप्लाई करनेवाली संस्था जीवन ज्योति चैरिटेबल ट्रस्ट (Jeevan Jyoti Charitable Trust) के खिलाफ हत्या और हत्या के प्रयास सहित विभिन्न धाराओं में एफआईआर दर्ज की है। 

मुलुंड कॉलोनी, मुलुंड पश्चिम में रहनेवाले 43 वर्षीय गोल्डी देवकीनंदन शर्मा (Goldi Devkinandan Sharma)  की शिकायत पर मुलुंड पुलिस ने 11 मई 2023 को भादंसं की धारा 112, 117, 120 (बी), 302, 307, 416, 419, 426, 34, 465, 471, और 33 के तहत यह एमइसीआर (एफआईआर, नंबर- 0298/2023) दर्ज की है। एफआईआर में डॉ. वीरेंद्र यादव (Dr Virendra Yadav), ज्योति ठक्कर (Jyoti Thakkar), जे.सी. वकील (JC Vakil), रतनलाल जैन (Ratanlal Jain), दीपक जैन (Deepak Jain), दीप्ति मेहता (Deepti Mehta) और जीवन ज्योति चैरिटेबल ट्रस्ट (Jeevan Jyoti Charitable Trust, Mulund) को आरोपी बनाया है। एफआईआर की प्रति एबीआई (ABI) के पास है।

एफआईआर के अनुसार गोल्डी शर्मा का प्रिंटिंग प्रेस का धंधा है। 4 जून 2019 की सुबह 7 बजे गोल्डी शर्मा के बड़े भाई राजकुमार शर्मा (Rajkumar Sharma) फ्रेंड्स स्कूल के पास बस स्टॉप पर मॉर्निंग वॉक के दौरान गिर गए और उन्हें एमटी अग्रवाल अस्पताल में भर्ती कराया गया। डॉक्टरों ने गोल्डी शर्मा के परिवार को बताया कि उनकी मौत अस्पताल लाने से पहले ही हो गई थी। गोल्डी शर्मा को डॉक्टर्स की बात पर यकीन नहीं हुआ। उन्होंने अपने तरीके से पता किया तो मालूम पड़ा कि अस्पताल में भर्ती के दौरान राजकुमार ज़िंदा थे। उचित उपचार न होने की वजह से राजकुमार शर्मा की मौत हुई है। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में राजकुमार शर्मा की मौत दिल का दौरा पड़ने से हुई, बताया गया। 

भाई की मौत से दुःखी गोल्डी शर्मा श्रीमती एमटी अग्रवाल अस्पताल और उसके डॉक्टर्स के बारे में पता करने लग गए। उन्हें पता चला कि दो डॉक्टर्स के पास विदेश की डिग्री है। यह भी पता चला कि जीवन ज्योति चैरिटेबल ट्रस्ट ने इस अस्पताल को डॉक्टर्स सप्लाई किया है। इसके लिए बृहन्मुम्बई महानगरपालिका ने जीवन ज्योति चैरिटेबल ट्रस्ट को 8,83,30,000 रुपये का फंड इश्यू किया था। जीवन ज्योति चैरिटेबल ट्रस्ट ने 17 मई 2018 से 16 मई 2020 के मध्य अस्पताल को फर्जी डॉक्टर्स सप्लाई कर दिए।

गोल्डी शर्मा ने डॉक्टर्स की डिग्री के बारे में आरटीआई के जरिये इन्फॉर्मेशन माँगी तो उन्हें नहीं दी गई। उलट उन्हें हफ्ताखोर, ब्लैकमेलर और आरटीआई एक्टिविस्ट बताकर बदनाम कर दिया गया। पाकिस्तान और दुबई से धमकी दिलाई गई। गोल्डी शर्मा ने फिर जीवन ज्योति चैरिटेबल ट्रस्ट के खिलाफ 25 जून 2019 और 2 दिसम्बर 2019 को सम्बंधित विभागों में शिकायतें कर दीं। उन्हें इसका कुछ भी परिणाम नहीं निकला। 6 नवम्बर 2019 को गोल्डी शर्मा ने आरटीआई के जरिये जानकारी माँगी कि 17 फरवरी 2019 से 22 नवम्बर 2019 के मध्य एमटी अग्रवाल में आईसीयू के कितने मरीजों की मौत हुई है। और उनकी मौत की वजह क्या है। 27 नवम्बर 2019 को उन्हें जवाब मिला कि इस दौरान 149 मरीजों की मौत हुई है। और इनका इलाज़ 17 डॉक्टर्स की निगरानी में चल रहा था। इन 17 डॉक्टर्स में से तीन डॉक्टर्स- डॉ. परवेज़ शेख अज़ीज़ शेख, डॉ. अविनाश प्रसाद और डॉ. राजेश श्रीमती एमटी अग्रवाल अस्पताल के आईसीयू में पोस्टेड थे। 

अब डॉ. परवेज़ शेख अज़ीज़ शेख (Dr Parvez Shaikh Aziz Shaikh) के बारे में गोल्डी शर्मा को जानकारी मिली कि यह पूरी तरह फ़र्ज़ी डॉक्टर है। इसके खिलाफ मुंबई के मालवणी पुलिस स्टेशन में भादंसं की धारा 419, 420 और महाराष्ट्र मेडिकल कॉउन्सिल की धारा 33, 34 और 35 तहत एफआईआर (नंबर- 29/2020) दर्ज है। डॉ. परवेज़ अज़ीज़ के ही खिलाफ ठाणे के कापूरबावड़ी पुलिस स्टेशन में भादंसं की धारा 420, 386 और 34 के तहत एफआईआर (नंबर 136/2021) दर्ज है। कोविड के दौरान कोविड मरीज से पैसा उगाहने के आरोप में यह एफआईआर दर्ज हुई है।

24 मार्च 2022 को गोल्डी शर्मा ने जानकारी माँगी और 8 जून 2022 को उन्हें जानकारी दी गई कि जीवन ज्योति चैरिटेबल ट्रस्ट के मार्फ़त एमटी अग्रवाल अस्पताल के आईसीयू के डॉक्टर पूजा प्रभातीलाल यादव (Pooja Prabhatilal Yadav) की देखरेख में 6 मरीजों की मौत हुई है। इस बात को गोल्डी शर्मा ने ट्वीट कर दिया। थोड़ी देर में उन्हें किसी डॉ. विशाल यादव (Dr Vishal Yadav) ने फोन कर बताया कि पूजा यादव उनकी बहन है और वह एमटी अग्रवाल अस्पताल में पोस्टेड नहीं है। पूजा यादव सोलापुर में पीजी की पढ़ाई कर रही है।

गोल्डी शर्मा मुलुंड पुलिस और पुलिस के उच्चाधिकारियों से शिकायत करते रहे लेकिन किसी ने संज्ञान नहीं लिया। अंत में गोल्डी शर्मा ने न्यायालय का दरवाजा खटखटाया। मुलुंड न्यायालय के आदेश पर 11 मई 2023 को मुलुंड पुलिस ने एफआईआर दर्ज की। 

गोल्डी शर्मा बताते हैं कि इतने वर्षों में उनकी किसी भी नेता, समाजसेवक, पुलिस, बीएमसी अधिकारी अथवा मेडिकल विभाग के अधिकारी ने किसी भी प्रकार की सहायता नहीं की। आंकड़े सिर्फ 149 ही नहीं हैं। बहुत चौंकाने वाले हैं।

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