राधेश्याम मोपलवार

अकेला 

यह कहानी महाराष्ट्र राज्य सड़क विकास प्राधिकरण (MSRDC) के निदेशक राधेश्याम मोपलवार (Radheshyam Mopalwar) और गैंग्स ऑफ़ वाझेपुर (Gangs of Vazepur) की है। सेवानिवृत्ति के बाद भी तीन दफा एक्सटेंशन (Three Times Extension) पा चुके आईएएस (IAS) राधेश्याम मोपलवार ने अपने दोस्त अनिल वेदमेहता (Friend Anil Vedmehta) की बीवी को हड़प लिया। अनिल वेदमेहता दोस्त होने की वजह से राधेश्याम मोपलवार के राजदार भी थे इसलिए उन्हें जेल में डलवाना जरूरी था। राधेश्याम मोपलवार ने गैंग्स ऑफ़ वाझेपुर के सरगना (Gang Leader) प्रदीप शर्मा ( Inspector Pradeep Sharma) और पंटर (Punter) राजकुमार कोथमिरे (Inspector Rajkumar Kothmire) की सहायता ली और अनिल वेदमेहता को मकोका (MCOCA) केस में फिट करवा दिया। भगोड़ा घोषित करवा दिया। (State’s most corrupt IAS Officer Radheshyam Mopalwar abducts Friend’s wife; uses his contacts with Gangs of Vazepur to charge friend with MCOCA)

21 फरवरी 2022 को बॉम्बे हाईकोर्ट के न्यायाधीश रेवती मोहिते डेरे ने राज्य सरकार (ठाणे पुलिस) को आदेश दिया कि अनिल वेदमेहता को उनके केस से सम्बंधित समस्त डॉक्युमेंट्स दिए जाएँ। अनिल वेदमेहता ने एफआईआर क्वैशिंग (FIR Quashing) के लिए बॉम्बे हाईकोर्ट में पिटीशन भी की है।

राजकुमार कोथमिरे

कहानी के अनुसार राधेश्याम मोपलवार की शिकायत पर नवंबर 2017 में ठाणे पुलिस की एंटी एक्सटॉरशन सेल (Anti Extortion Cell) ने सतीश मांगले (Satish Mangle), श्रद्धा मांगले (Shraddha Mangle) और अतुल गावड़े (Atul Gawde) को गिरफ्तार किया था। प्राइवेट डिटेक्टिव (Private Detective) सतीश मांगले और उनकी पत्नी श्रद्धा (मराठी फिल्मों की अभिनेत्री) अभी भी जेल में हैं। सतीश का साला अतुल गावड़े जमानत पर है। राधेश्याम मोपलवार ने आरोप लगाया था कि सतीश मांगले उनसे सात करोड़ रुपये हफ्ता (Rs 7 crore Extortion) मांग रहा था। प्रदीप शर्मा के पास मैटर गया तो रवि पुजारी (Ravi Gangster Pujari का रोल आना ही था। रवि पुजारी का रोल आने पर इन पर मकोका लगा दिया गया। इसी मामले में अनिल वेदमेहता भी आरोपी हैं। अनिल वेदमेहता गिरफ्तार नहीं हुए और अमेरिका चले गए। वर्ष 2017 से वे अमेरिका में हैं।

अनिल वेदमेहता जुहू में रहते हैं। महाराष्ट्र के कई शहरों में उनका व्यवसाय है। तब वे ब्लैकबेरी मोबाइल (Blackberry Mobile) कंपनी के भारत में डाटा होल्डर थे। राधेश्याम मोपलवार उनके फैमिली फ्रेंड थे। राधेश्याम मोपलवार ने अनिल वेदमेहता की बीवी प्रियंका मिश्रा (Priyanka Mishra) को पटा लिया और उससे शादी कर ली। अपनी बीवी मनीषा मोपलवार (Manisha Mopalwar) को तलाक दे दिया।

अनिल वेदमेहता राधेश्याम मोपलवार को परेशान कर सकते थे इसलिए उन्हें रास्ते से हटाना जरूरी था। पहले तो उन्होंने प्रियंका मिश्रा से उनके खिलाफ जुहू पुलिस स्टेशन में दहेज़ मांगने (आईपीसी की धारा 498) की एफआईआर करवा दी। उसी समय सतीश मांगले काण्ड हो गया। उस मामले में भी उनके खिलाफ एफआईआर करवा दी, मकोका लगवा दिया, भगोड़ा घोषित करवा दिया और जुहू का बंगला सील करवा दिया। 

अनिल वेदमेहता ने एबीआई (ABI) को बताया कि उस वक्त राधेश्याम मोपलवार ने 300 करोड़ रुपये (Black Money Rs 300 Crore) को व्हाइट किया था। उसे डर था कि यह बात मैं किसी एजेन्सी को बता सकता हूँ। इसलिए उसने प्रदीप शर्मा और राजकुमार कोथमिरे के जरिये मुझे फंसा दिया। 

नोट : एबीआई (abinet.org) के पास राधेश्याम मोपलवार की बेटी तन्वी मोपलवार (Tunviey Mopalwar) का एक एफिडेविट है जिसमें उसने बताया है कि उसके पिता राधेश्याम मोपलवार की प्रॉपर्टी कितनी है, उसकी मां मनीषा मोपलवार उर्फ़ देशमुख ‘कैसी’ महिला हैं और मनीषा तलाक के बदले राधेश्याम मोपलवार से 1000 करोड़ रुपये की संपत्ति मांग रही थीं …. (पढ़ें अगले अंक में) 

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कमलेश दुबे

महाविकास अघाड़ी सरकार में भ्रष्ट आचरण वाले अधिकारियों को मिलता है संरक्षण. दो वर्षों में महाराष्ट्र राज्य की दुर्दशा हो गयी है.