नीलम कदम-बोडारे-शेजवल

अकेला 

नीलमताई चंद्रकांत कदम-बोडारे-शेजवल (Neelam Chandrakant Kadam-Bodare-Shejwal) इतना बड़ा नाम एक ही महिला का है। तो इनके कारनामे भी बड़े-बड़े हैं। उल्हासनगर महापालिका में पहले इनकी अवैध तरीके से नियुक्ति हुई। फिर अवैध तरीके से पदोन्नति। 12वीं और बी. कॉम की डिग्रियां भी फर्जी। क्लर्क जैसे मामूली पद पर रहते हुए 300 करोड़ रुपये का टर्नओवर। बालासाहब की शिवसेना के वरिष्ठ नगरसेवक राजेंद्रसिंह भुल्लर (महाराज) (Rajendrasingh Bhullar alias Maharaj) ने नीलमताई के कारनामों की शिकायतें की हैं। सबूत भी दिए हैं। मीडिया को इंटरव्यू देकर नीलमताई ने उन शिकायतों को गलत बता दिया है। अब भुल्लर महाराज ने इसे असंवैधानिक करार देते हुए नीलमताई के खिलाफ फिर शिकायतें की हैं। 

राजेन्द्रसिंह भुल्लर (महाराज)

1 नवम्बर 2022 को राजेन्द्रसिंह भुल्लर (महाराज) ने नीलम कदम-बोडारे-शेजवल के खिलाफ शिकायतें कर उनके खिलाफ विभागीय जांच करने और तुरंत निलंबित किये जाने की मांग की है। (Bhullar Maharaj Demanded Departmental Enquiry and Immediate Suspension of Neelam Bodare) अपने ऊपर लगे आरोपों के जवाब में नीलम ने एक यू-ट्यूबर को इंटरव्यू (स्पष्टीकरण) देकर व्हाट्सप्प के कई ग्रुप में पोस्ट करवा दिया था। 

हकीकत में महानगरपालिका की आस्थापना में कार्यरत कोई भी कर्मचारी/अधिकारी महाराष्ट्र नागरी सेवा (वर्तणूक) नियम 1979 व महाराष्ट्र नागरी सेवा (शिस्त व अपील), महाराष्ट्र महापालिका अधिनियम-56 प्रशासकीय प्रस्ताव क्रमांक 9/1996, दिनांक-2-10-1996 के अनुसार आयुक्त या सक्षम अधिकारी के आदेश के बिना किसी भी मुद्दे पर प्रसार माध्यम को इंटरव्यू/सफाई/जानकारी/स्पष्टीकरण नहीं दे सकता। अगर वह ऐसा करता है तो अनुशासनात्मक कार्रवाई का अधिकारी हो जाता है। संदर्भीय पत्र क्रमांक 3 से 7 के अनुसार प्रसार माध्यम को इंटरव्यू/सफाई/जानकारी/स्पष्टीकरण सिर्फ आयुक्त या मनपा जनसम्पर्क अधिकारी ही दे सकते हैं। 

महापालिका के एक अधिकारी ने एबीआई (ABI) से बातचीत में कहा कि नीलम की भर्ती अवैध है। पदोन्नति अवैध है। शैक्षणिक डिग्रियां अवैध हैं। घोटाले पर घोटाले किये हैं। यह बात सबको मालूम है लेकिन उसका कुछ नहीं बिगड़ा। इंटरव्यू देने से क्या होने वाला। आयुक्त अज़ीज़ शेख की औकात नहीं कि वह नीलम के खिलाफ एक्शन लें। (Commissioner Aziz Shaikh has no dare to action against Neelam Kadam-Bodare).

इट हैपेन्स ओनली इन उल्हासनगर (IT HAPPENS ONLY IN ULHASNAGAR) 

अब देखिये। महाराष्ट्र सरकार के शिक्षा निदेशालय और महापालिका के स्टैब्लिशमेंट डिपार्टमेंट में उप लेखा अधिकारी पद का कोई प्रावधान ही नहीं है। फिर भी नीलमताई उप लेखा अधिकारी बन गई। नीलम की नियुक्ति वर्ष 2009 की है। दूसरे क्लर्क हेमंत शेजवल (Clerk Hemant Shejwal) की नियुक्ति नीलम से दो वर्ष पहले 2007 की है। फिर भी नीलम हेमंत शेजवल को क्रॉस कर उप लेखा अधिकारी बन गई। हेमंत शेजवल बेचारा क्लर्क से अधीक्षक तक ही बन पाया। बेचारा इसलिए कि किसी ने उसके नाम का पत्र विभाग में जमा करा दिया कि उसे (हेमंत को) पदोन्नति ही नहीं चाहिए। इसके लिए नीलम के पिता चंद्रकांत बोडारे (Chandrakant Bodare) और चाचा धनंजय बोडारे (Dhananjay Bodare) का पॉवर काम करता है। मातोश्री तक पहुँच काम करती है। नीलम के मातहत काम करनेवाली महिला संगीता लहाने (Sangeeta Lahane) को नीलम, चंद्रकांत और धनंजय ने इतना मेंटली टॉर्चर किया कि उसके भाई ने महापालिका मुख्यालय में आग लगाकर आत्महत्या कर ली। इतनी बड़ी घटना पर पुलिस ने तो हफ्तों बाद एफआईआर लिया था। 

उल्हासनगर शहर की एक खासियत है। आयुक्त मतलब म्युनिसिपल कमिश्नर यहां आता नहीं, लाया जाता है। फिर वह सिर्फ फाइलों पर साइन करनेवाला क्लर्क बनकर रह जाता है। अब वर्तमान आयुक्त अज़ीज़ शेख (Commissioner Aziz Shaikh) को ही ले लीजिये। कोणार्क बिल्डर वाला नंद जेठानी (Konark Builderwala Nand Jethani) कहता फिरता है कि अज़ीज़ शेख को टेंडर भरकर वह लाया है। इसलिए अज़ीज़ शेख उतना ही करेगा जितना वह कहेगा/चाहेगा। 

इसलिए नीलमताई को चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है।  

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