9,000 सैलरी से शुरू, 12 वर्ष की नौकरी, 300 करोड़ का टर्नओवर, 150 करोड़ की मालकिन, आलीशान बंगला, कारों का काफिला: क्लर्क से कुबेर बनने की यह कहानी है उल्हासनगर महापालिका की उप-लेखा अधिकारी नीलमताई कदम-बोडारे की; अब एसीबी, ईडी, आइटी में शिकायत !!

0

अकेला

उल्हासनगर महानगरपालिका (Ulhasnagar Municipal Corporation) में शिव सेना पार्टी (शिंदे गुट) के वरिष्ठ नगरसेवक राजेंद्रसिंह भुल्लर (महाराज) (Shiv Sena Councillor Rajendrasingh Bhullar alias Maharaj) ने भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB), आयकर विभाग (I-T), प्रवर्तन निदेशालय (ED), महा लेखाकार (Accountant General) , उप-मुख्यमंत्री (Deputy Chief Minister), उल्हासनगर महापालिका आयुक्त (Commissioner, Ulhasnagar Municipal) आदि को लिखित शिकायत कर नीलमताई कदम-बोडारे (Neelam Kadam-Bodare) की सम्पत्तियों की जांच की मांग की है। महापालिका में 9,000 रुपये सैलरी और कम्प्यूटर क्लर्क की नौकरी से कैरियर स्टार्ट करने वाली नीलम मात्र 12 साल में क्लर्क से कुबेर बन गई।

नीलम कदम-बोडारे उल्हासनगर महापालिका में उप-लेखा अधिकारी है। उसकी नियुक्ति अवैध तरीके से हुई। पदोन्नति अवैध तरीके से हुई। 12वीं और बी.कॉम की डिग्रियां फर्जी हैं, के आशय की न्यूज़ एबीआई (Akela Bureau of Investigation) पहले प्रकाशित कर चुका है।

क्लर्क से कुबेर

राजेंद्रसिंह भुल्लर (महाराज) ने 12 अक्टूबर 2022 को नीलम कदम के खिलाफ जो शिकायतें की हैं, वे बेजा नहीं हैं। क्लर्क से उप- लेखा अधिकारी बनने के बाद से नीलम कदम को चेक पर हस्ताक्षर करने का अधिकार मिल गया। खुद को सुपर शिक्षा अधिकारी समझने के बाद से नीलम ने गणवेश, चिक्की, मध्यान्ह भोजन, विद्यालय दुरुस्ती, कर्मचारियों के वेतन, शैक्षणिक साहित्य और फर्जी पेमेंट में घोटाला करना शुरू दिया।

नीलम के बहुत से बैंकों में खाते होंगे। परन्तु भारतीय स्टेट बैंक (शांतिनगर शाखा), आईडीबीआई बैंक (सपना टाकीज शाखा) और एक्सिस बैंक (निकट ईगल होटल शाखा) के खातों का मात्र चार महीनों का स्टेटमेंट देखने पर किसी भी गरीब को मिर्गी आ जाएगी। सहायक आयुक्त गणेश शिम्पी (Assistant Commissioner Ganesh Shimpi) और नगर रचनाकार प्रकाश मुले (Town Planner Prakash Mule) जैसे उच्च कोटि के भ्रष्ट अधिकारियों को भी शर्म आ जाएगी। इन्हीं चार महीनों के बैंक स्टेटमेंट के आधार और अर्जित सम्पत्तियों पर अनुमान लगाया गया है कि नीलम कदम की कमाई का टर्नओवर 300 करोड़ रुपये है और वर्तमान में वह 150 करोड़ रुपये की मालकिन है।

राजेंद्रसिंह भुल्लर (महाराज)

1- नीलमताई अम्बरनाथ (शिवगंगा नगर के बगल) के जिस आलीशान बंगले में रहती है उसकी कीमत तीन करोड़ रुपये है। इंटीरियर अलग से। 2- मुंबई के माटुंगा सर्कल पर 12 करोड़ रुपये का एक फ्लैट है। इस फ्लैट में तीन करोड़ रुपये का इंटीरियर अलग से। 3- नासिक में दो करोड़ रुपये कीमत की कपड़े की दुकान है। इसका उद्घाटन भ्रष्टाचार में गिरफ्तार हो चुके राकांपा नेता और मंत्री छगन भुजबल ने किया था। 4- उल्हासनगर के वीनस चौक के पास दो दुकानें हैं। इनकी कीमत एक करोड़ रुपये है। 5- दो बैरक खरीदे हैं। इनकी कीमत दो करोड़ रुपये है। 6- विट्ठलवाड़ी पुलिस स्टेशन के सामने बन रही इमारत में पार्टनरशिप है। इसमें धनंजय का बेटा वर्द्धन बोडारे कामकाज देखता है, 7- नासिक में लहावित स्टेशन के पास फार्महाऊस में पार्टनरशिप है। 8- परिवार में बीएमडब्ल्यू, फॉर्च्यूनर, मर्सिडीज़, इन्नोवा कारें। हर कार दो साल बाद बदल दी जाती है। 9- चाचा धनंजय बोडारे ने दो दफा विधानसभा चुनाव लड़ा। पहले चुनाव में तीन करोड़ और दूसरे चुनाव में साढ़े पांच करोड़ खर्च करने का अनुमान। सुना है (एबीआई के पास सबूत नहीं है) कि दूसरे चुनाव में नीलम ने धनंजय बोडारे को 2 करोड़ रुपये ब्याज पर उधार दिए थे। 10- आभूषणों और बेशकीमती उपहारों का इसमें वर्णन नहीं है।

नीलम के पिता चंद्रकांत बोडारे (Chandrakant Bodare) स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया में कर्मचारी थे। शिवसेना नेता बन गए। मां शीतल (Sheetal Bodare) वर्ष 2017 से नगरसेविका हैं। चाचा धनंजय बोडारे (Dhananjay Bodare) वर्ष 1997 से नगरसेवक हैं। चाची वसुधा (Vasudha Bodare) वर्ष 2007 से नगरसेविका हैं। पति सचिन शेजवल (Sachin Sejwal) महानगरपालिका में ठेकेदार है। बेटा करण शेजवल (Son Karan Sejwal) भी महानगरपालिका में ठेकेदार है। धनंजय का बेटा वर्द्धन (Vardhan Bodare) महापालिका मुख्यालय में नागरिक सुविधा केंद्र चलाता है।

भुल्लर महाराज ने मांग की है कि मे. करण इंटरप्राइजेस, मे. मानस इंटरप्राइजेस, ओम मनीष इंटरप्राइजेस और अंकुर इंटरप्राइजेस (नयन गाभा) कंपनियों की भी जांच की जाये। इन कंपनियों में पैसा कहाँ से आया और किस मद से आया और फिर कहाँ गया।

शिवसेना नेता हो और ऊपर से उस पर मातोश्री की कृपा हो तो इंसान अपने आप दबंग बन जाता है। नीलम कदम से विवाद होने पर सर्व शिक्षा अभियान के मानधन पर कार्यरत विकलांग समन्वयक संगीता सांडूलाल लहाने को चंद्रकांत बोडारे और धनंजय बोडारे ने शिवसेना स्टाइल में सबक सिखा दिया। लिहाजा संगीता के छोटे भाई ने महापालिका मुख्यालय के सामने आग लगाकर आत्महत्या कर ली। इस बाबत चंद्रकांत बोडारे और धनंजय बोडारे के खिलाफ 2 अगस्त 2011 को भादंसं की धारा 306, 354, 34, 509, एससी/एसटी कानून, अत्याचार प्रतिबन्ध 1989 की धारा 3, नागरिक हक़ कायदा की धारा 109 और 15 सितम्बर 2011 को भादंसं की धारा 354, 509, 506, 34, 3(1) (10), 2 (5) (7) (6) आदि के तहत सेन्ट्रल पुलिस स्टेशन में एफआइआर (सीआर नंबर- 148/2011 और 177/2011) दर्ज है। मामला बॉम्बे हाईकोर्ट में लंबित है।

कहते हैं। हम और आप सब देखते भी हैं कि कल तक पैदल चलने वाला व्यक्ति नगरसेवक बनते ही स्कार्पिओ, फॉर्च्यूनर, इन्नोवा कार से चलने लगता है। गले में मोटी-मोटी सोने की चेन। हाथ में सोने की ब्रेसलेट आ जाती है। लुक्खा से साहब बन जाता है। किसी शायर ने सच ही कहा है –

समय-समय की बात है, समय-समय का योग !
लाखो में बिकने लगे, दो कौड़ी के लोग !!

(वैधानिक चेतावनी: इस शायरी का किसी भी जीवित या मृत व्यक्ति या घटना से सम्बन्ध नहीं है। अगर किसी से मैच करती है तो संयोग मात्र है)।

4.5 10 votes
Article Rating
Subscribe
Notify of
guest

0 Comments
Inline Feedbacks
View all comments