मातोश्री कृपा ! महिला क्लर्क ने माँगा पदोन्नति लेखापाल का उल्हासनगर महानगरपालिका ने दे दिया उप लेखाधिकारी का, नगरसेवक चाचा ने किया था अनुमोदन, क्लर्क की 12वीं और बी. कॉम की डिग्रियां भी फर्जी !!

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अकेला

मन की बात : 10 जनपथ (10 Janpath), मातोश्री (Matoshree), सिल्वर ओक (Silver Oak) और कालानी महल (Kalani Mahal) परिवारवाद और पॉवर सेंटर के पर्यायवाची शब्द हैं। इन सेंटर्स से निकलने वाली तरंगें जिस पर पड़ जाती हैं वह इंसान ‘उठता नहीं उठ’ जाता है। इसकी एक बानगी देखिये- उल्हासनगर महानगरपालिका की एक महिला क्लर्क ने लेखापाल (Accountant) पद पर अपनी पदोन्नति मांगी। लेकिन महानगरपालिका ने उसे चार पद और ऊपर उप लेखा अधिकारी बना दिया। अव्वल तो ये महिला फर्जी तरीके से क्लर्क बनी थी। इतना ही नहीं उसकी 12वीं और बी. कॉम की डिग्रियां भी फर्जी हैं।

महिला क्लर्क का नाम है नीलम चंद्रकांत कदम-बोडारे। (The woman clerk was identified as Neelam Chandrakant Kadam-Bodare).

फैमिली स्ट्रक्चर और परिवारवाद

नीलम चंद्रकांत कदम के पिताश्री चंद्रकांत कदम-बोडारे (Chandrakant Bodare) वर्तमान में शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) के कल्याण (पूर्व), उल्हासनगर और अम्बरनाथ के जिला अध्यक्ष हैं। उनकी माताश्री यानि चंद्रकांत की पत्नी शीतल कदम (Sheetal Kadam) वर्ष 2017 से शिवसेना की नगरसेविका हैं। चाचाश्री धनंजय बोडारे (Dhananjay Bodare) शिवसेना के कल्याण जिला समन्वयक और वर्ष 1997 से नगरसेवक हैं। चाचीश्री यानि धनंजय की पत्नी वसुधा कदम (Vasudha Kadam) भी वर्ष 2007 से नगरसेविका हैं। नीलम कदम के पति सचिन शेजवल (Sachin Sejwal) महानगरपालिका में ठेकेदारी करते हैं। और नीलम का बेटा करण शेजवल (Karan Sejwal) भी महानगरपालिका का ठेकेदार है।

भर्ती ही फर्जी

नीलम कदम को 6 अक्टूबर 2008 और 29 जून 2009 को भर्ती दिखाया गया है। इसके लिए भर्ती प्रक्रिया के किसी भी रूल्स एंड रेगुलेशंस को फॉलो नहीं किया गया। यहां तक कि उम्मीदवार का इंटरव्यू वाली फॉर्मेलिटीज नहीं की गयी।

इट हैपेंस ओनली इन उल्हासनगर

सर्वप्रथम नीलम कदम की भर्ती लेखा लिपिक पद पर हुई है। मजेदार और आश्चर्य की बात है कि महानगरपालिका में लेखा लिपिक जैसा कोई पद होता ही नहीं है। नीलम कदम ने महानगरपालिका प्रशासन से मांग की कि उन्हें लेखापाल पद पर पदोन्नति दी जाये। 28 मई 2019 को महानगरपालिका की विशेष सभा में नीलम के चाचाश्री धनंजय बोडारे ने अनुमोदन किया और सभा ने प्रस्ताव पास भी कर दिया। विशेष सभा में नीलम की माताश्री शीतल कदम भी मौजूद थीं। तब अच्युत हांगे (Achyut Hange) महानगरपालिका आयुक्त थे। अगले दिन वे सेवानिवृत्त हो रहे थे। सो उन्होंने भी जाते-जाते बहती गंगा में हाथ धो लिया और नीलम के फर्जी पदोन्नति पर मुहर लगा दी।

फर्जी पदोन्नति की यह रोमांचक कहानी यहीं खत्म नहीं होती। बाद में सबको मालूम पड़ा कि नीलम ने पदोन्नति तो माँगी थी लेखापाल की परन्तु उन्हें मिल गया उप लेखा अधिकारी पद। चार स्टेप आगे। चार सीढ़ी ऊपर। एक और बात नितेश रंगारी नामक कर्मचारी अक्टूबर 2017 से 21 जनवरी 2018 तक निलंबित था। विभागीय पदोन्नति समिति की बैठक में उसे भी मौजूद दिखाया गया है। समिति में उसके हस्ताक्षर हैं। इसी तरह विशेष कार्यकारी अधिकारी और उपायुक्त डॉ. युवराज भदाने 15 मई 2018 को छुट्टी पर थे। समिति में उन्हें भी उपस्थित दिखाया गया है और उनके भी हस्ताक्षर हैं। डॉ. युवराज भदाने तब पर्यवेक्षक और सह नियंत्रण अधिकारी थे। 9 दिसम्बर 2017 की मीटिंग में उन्हें बुलाया ही नहीं गया था। 21 सितम्बर 2017 को की गई टिप्पणी पर 26 सितम्बर 2017 को तात्कालिक आयुक्त राजेंद्र निम्बालकर के भी हस्ताक्षर हैं। उस दिन निम्बालकर मंत्रालय गए थे। उसी तरह 28 सितम्बर 2017 को वे छुट्टी पर थे।

9 दिसम्बर 2017 को समिति की मीटिंग में प्रस्ताव पास किया गया था। बता दें कि उस दिन सेकंड सैटरडे था और उस दिन छुट्टी थी।

डिग्रियां भी फर्जी

नीलम कदम ने 12वीं और बी. कॉम की जो डिग्रियां महागरपालिका में जमा की हैं उनकी भी बानगी देखिए। 12वीं की डिग्री उन्होंने छत्तीसगढ़ के बोर्ड ऑफ़ स्कूल एन्ड तकनीकी एज्यूकेशन और बी. कॉम की राजस्थान (चुरू) के ओपीजेएस कॉलेज की जमा की है। आरटीआई (RTI) के तहत जानकारी मिली है कि छत्तीसगढ़ सरकार ने 12 अक्टूबर 2018 को बोर्ड ऑफ़ स्कूल एन्ड तकनीकी एज्युकेशन और राजस्थान सरकार ने 20 अक्टूबर 2020 को ओपीजीएस कॉलेज की मान्यता रद्द कर दी थी। दोनों कॉलेज को भ्रष्टाचार में लिप्त पाया गया था।

उल्हासनगर महानगरपालिका के शिवसेना के वरिष्ठ नगरसेवक राजेन्द्रसिंह भुल्लर (महाराज) (Rajendrasingh Bhullar (Maharaj) ने वर्तमान आयुक्त अज़ीज़ शेख (Aziz Shaikh) से मुलाकात कर नीलम कदम (Neelam Kadam) पर कार्रवाई की मांग की है।

नीलम कदम कहती है सबको मालूम है कि उसकी भर्ती फर्जी हुई है। डिग्रियां फर्जी हैं। फिर भी कोई कुछ नहीं कर सकता। क्योंकि मातोश्री उसके पिताश्री और चाचाश्री की मुट्ठी में है। उस पर मातोश्री की कृपा है।

अंत में

समय बदला। आज 10 जनपथ का बंदा हिन्दुस्तान को जोड़ने के लिए फेविकोल की खोज में सड़क पर आ गया है। मातोश्री का बंदा पार्टी और खुद का अस्तित्व बचाये रखने की जद्दोजहद कर रहा है। सिल्वर ओक का बंदा राजनीतिक पटल से लुप्तप्राय है। कालानी महल का बंदा महल और जेल में अंदर-बाहर हो रहा है।

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