अर्जुन उपाध्याय

अकेला

बड़े
बेआबरू होकर तेरे कूचे से हम निकले
काटईनाका, डोम्बिवली (पूर्व) स्थित अमरावती पेट्रोल पम्प (Amravati Petrol Pump) के मालिक अर्जुन विजयनारायण उपाध्याय (Arjun Vijay Narayan Upadhyay) को शनिवार को हिंदुस्तान पेट्रोलियम कार्पोरेशन लिमिटेड (HPCL) कंपनी ने बेआबरू कर निकाल दिया। उनसे पेट्रोल पम्प का मालिकाना हक़ छीन लिया। पेट्रोल पम्प को चलाने का अधिकार ज्ञान ऑटो कंपनी के मालिक अशोक वोरा को दे दिया। 

शनिवार, 30 अप्रैल 2022 को एचपीसीएल कंपनी के अधिकारी पुलिस बंदोबस्त के साथ पेट्रोल पम्प पर पहुंचे। मानपाड़ा पुलिस स्टेशन के लगभग 10 अधिकारी उपस्थित थे। एचपीसीएल ने अर्जुन उपाध्याय को अग्रिम नोटिस दी हुई थी। इसलिए उपाध्याय एन्ड फैमिली (विजय नारायण उपाध्याय, अर्जुन उपाध्याय, दीपक उपाध्याय और राज उपाध्याय) सात बाउंसर्स के साथ पहले से ही मौजूद थी। जितना ड्रामा, नौटंकी करना था उपाध्याय एन्ड फैमिली ने कर ली। दीपक उपाध्याय तो जमीन पर लेट गया। बेहोश होने का नाटक करने लगा। परन्तु एचपीसीएल के अधिकारी शिवाजी आचर्लेकर और मानपाड़ा पुलिस के सामने कोई भी नौटंकी काम नहीं आई। पुलिस ने पहले तो बाउंसर्स को भगा दिया। अधिकारियों ने उपाध्याय का जो भी सामान था निकाल कर उन्हें दे दिया और ज्ञान ऑटो कंपनी के मालिक अशोक वोरा को पेटोल पम्प चलाने का अधिकार दे दिया।

एबीआई की खबर पर हुई कार्रवाई 

एबीआई (abinet.org) ने 27 फरवरी 2022 को बैंक और मृत पार्टनर्स के साथ धोखाधड़ी करनेवाले अमरावती पेट्रोल पम्प के मालिक अर्जुन उपाध्याय के खिलाफ एफआईआर दर्ज” शीर्षक से खबर प्रकाशित की थी। एचपीसीएल कंपनी के विजिलेंस विभाग ने खबर को सीरियसली लिया और जांच की। विजिलेंस विभाग को एबीआई की खबर सच मिली। इस पर एचपीसीएल ने अर्जुन उपाध्याय को कारण बताओ नोटिस जारी किया। अर्जुन उपाध्याय ने एचपीसीएल को जवाब दिया। कंपनी अर्जुन उपाध्याय के जवाब से संतुष्ट नहीं हुई। अंततः एचपीसीएल ने अर्जुन उपाध्याय की डीलरशिप कैंसल कर दी। 30 अप्रैल 2022 को अधिकारी डीलरशिप कैंसल करने की फॉर्मेलिटी पूरी करने आये थे।

इसलिए हुई डीलरशिप कैंसल

अर्जुन उपाध्याय के दूसरे भागीदार वेदप्रकाश मिश्रा की विधवा पत्नी पूर्णिमा मिश्रा की शिकायत पर कल्याण (पूर्व) की कोलसेवाड़ी पुलिस ने 26 फरवरी 2022 को अर्जुन उपाध्याय के खिलाफ भादंसं की धारा 420 और 406 के तहत एफआईआर (नंबर- 100/2022) दर्ज की है। अर्जुन उपाध्याय ने सेन्ट्रल बैंक ऑफ़ इण्डिया की कल्याण (पूर्व) शाखा से कंपनी के खाते से 20,56,403 रुपये अपने निजी खाते में ट्रांसफर कर लिए। तब के बैंक मैनेजर (Bank Manager) मलय कुमार रे (Malay Kumar Ray) ने भी पुलिस को बयान दिया है कि अर्जुन उपाध्याय ने बैंक को गुमराह करके रुपये ट्रांसफर किये हैं। इसी एफआईआर के आधार पर एबीआई ने न्यूज़ पब्लिश की थी।

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