महाराष्ट्र एडमिनिस्ट्रेटिव ट्रिब्यूनल (मैट) ने इंस्पेक्टर राजकुमार कोथमिरे के तबादले को जनहित में बताते हुए उनकी याचिका को रद्द कर दिया। मैट ने यह भी पाया कि कोथमिरे के खिलाफ चार गंभीर मामलों में सीआईडी इंक्वायरी चल रही है।

राजकुमार कोथमिरे ठाणे पुलिस के हफ्ता विरोधी प्रकोष्ठ के इंस्पेक्टर थे। 6 मई 2021 को राज्य सरकार ने उनका तबादला ठाणे से बहुत दूर नक्सल प्रभावित क्षेत्र गडचिरोली जिले में कर दिया। उन्हें पुलिस उपमहानिरीक्षक का वाचक बना कर भेजा गया है। अमूमन गड़चिरोली तबादला सजा के तौर (पनिशमेंट पोस्टिंग) पर माना जाता है। अपने इस तबादले को प्रीमेच्योर बताते हुए कोथमिरे ने 18 मई 2021 को मैट में याचिका दाखिल कर दी। कोथमिरे के वकील के. आर. जगदाले ने मैट को बताया कि कोथमिरे 7 जून 2016 को मुंबई पुलिस से ठाणे पुलिस में स्थानांतरित हुए थे। उन्हें ठाणे पुलिस में मात्र 2 साल ही हुए थे जबकि कानून 6 साल का है। जगदाले ने यह भी बताया कि कोथमिरे को कोई मेमो भी नहीं दिया गया था।

उनके जवाब में सरकारी वकील श्रीमती के. एस. गायकवाड़ ने मैट को बताया कि कोथमिरे का तबादला पुलिस एस्टेब्लिशमेंट बोर्ड (पीईबी)-II के नियमों के तहत हुआ है। गायकवाड़ ने मैट को मिनट्स की कॉपी दी जिसमें बताया गया था कि पुलिस महानिदेशक को कोथमिरे के खिलाफ चार-चार गंभीर शिकायतें मिली थीं। जिसमें हफ्ता उगाही और धमकी जैसे गंभीर मामले हैं। पुलिस महानिदेशक ने यही चार मामले सीआईडी के पास इंक्वायरी के लिए भेज दिए हैं।

श्रीमती के. एस. गायकवाड़ ने मैट को बताया कि कोथमिरे का स्थानांतरण महाराष्ट्र पुलिस एक्ट-2015 की धारा 22 एन (2) के तहत किया गया है। इस एक्ट के तहत राज्य सरकार या पुलिस प्रशासन को यह अधिकार होता जाता है कि वह किसी अधिकारी का तबादला मध्यावधि में कर सके। कोथमिरे ने ठाणे पुलिस में 6 वर्ष पूरे नहीं किये थे बावजूद इसके सरकार ने मध्यावधि में ही उनका जनहित और प्रशासनिक आधार पर तबादला कर दिया। इसी आधार पर मैट ने कोथमिरे की याचिका रद्द कर दी।

ठाणे क्राइम ब्रांच में रहते हुए राजकुमार कोथमिरे ने लूट मचा दी थी। उनकी हफ्ता उगाही से जनता त्रस्त हो गयी थी। उनके खिलाफ शिकायतों का अम्बार लग गया था। वे ठाणे पुलिस में नंबर-1 के भ्रष्ट अधिकारी बन गए थे।

3.8 14 votes
Article Rating
Subscribe
Notify of
guest

0 Comments
Inline Feedbacks
View all comments