लेटेस्ट आई-फोन, लेटेस्ट आई-पैड ने मुनीम से नोडल अधिकारी बना दिया गणेश शिम्पी को, जबकि महापालिका आस्थापना में नोडल अधिकारी की कोई पोस्ट ही नहीं है; इसीलिए एबीआई लिखता है- इट हैपेन्स ओनली इन उल्हासनगर !

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अकेला

गणेश पुराण के प्रथम अध्याय के प्रथम खंड में आपने पढ़ा कि उल्हासनगर महापालिका का वर्तमान में सबसे भ्रष्ट मुनीम (स्टेनोग्राफर) गणेश शिम्पी कैसे बैक डोर से महापालिका में घुसा और मुनीम से आज नोडल अधिकारी बन गया। अब द्वितीय खंड में पढ़िए कि कैसे उसने तब के आयुक्त मनोहर हिरे के बेटे की शादी में 10 तोले सोने की चेन, दूसरे आयुक्त सुधाकर देशमुख को लेटेस्ट आई-फोन और लेटेस्ट आई-पैड देकर शहर में खूब लूटपाट मचाई। सबब यह कि महापालिका की आस्थापना अनुक्रमणिका में नोडल अधिकारी नाम का कोई पद ही नहीं है।

शिवसेना शहर प्रमुख और वरिष्ठ नगरसेवक राजेंद्रसिंह भुल्लर (महाराज) ने गणेश शिम्पी की कारगुजारियों की शिकायतें की हैं। गणेश शिम्पी के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने और उसे गिरफ्तार करने की मांग की है।

भवन निर्माता अनवर खान और मनोज ठाकुर (दिवंगत उप महापौर विनोद ठाकुर के रिश्तेदार) से 25,000 रुपये की रिश्वत लेते गणेश शिम्पी 8 मई 2013 को गिरफ्तार हुआ था। 14 माह तक निलंबित रहने के बाद फिर उसके चड्ढी-बड्डी दोस्त सहायक आयुक्त युवराज भदाने ने उसे एक जीआर लाकर दिया। अब युवराज भदाने ने मुफ्त में तो जीआर लाकर नहीं दिया होगा। गणेश शिम्पी ने कुछ प्रसाद चढ़ाकर उन्हें भी प्रसन्न किया होगा। उसी जीआर के आधार पर आयुक्त बालाजी खतगांवकर ने गणेश शिम्पी को सर्विस में वापस ले लिया, लेकिन उसे अकार्यकारी पद पर इस्टेट डिपार्टमेंट में क्लर्क के तौर पर रखा। इस पद पर रहते उसका पब्लिक से कॉन्टैक्ट टूट गया। यहाँ कमाई नहीं हो रही थी। वह छटपटाने लगा। फिर उसने तत्कालीन उपायुक्त (मुख्यालय) नितिन कापणनीस की शरण ली। नितिन कापणनीस की जितनी सेवा, तेलमालिश करनी थी, गणेश शिम्पी ने की। नितिन कापणनीस ने भक्त की सेवा से प्रसन्न होकर तथास्तु का आशीर्वाद दिया और उसे इस्टेट डिपार्टमेंट का प्रबंधक बना दिया। गणेश शिम्पी को इतने पर भी संतोष नहीं हुआ। उसने मनसा, वाचा, कर्मणा से नितिन कापणनीस की सेवा में वृद्धि कर दी। नितिन कापणनीस भक्त गणेश शिम्पी की सेवा से आह्लादित हो गए। मई 2015 में उन्होंने उसे प्रभाग समिति-4 का प्रभारी सहायक आयुक्त बना दिया। मसलन एक बदनाम, भ्रष्टाचार में गिरफ्तार मुनीम को कार्यकारी पद पर बैठा दिया।

उपायुक्त नितिन कापणनीस अकेले किसी को इतनी बड़ी पोस्ट पर नहीं बैठा सकते। इसके लिए उन्होंने तत्कालीन आयुक्त मनोहर हिरे को सेट किया। तब गणेश शिम्पी ने नितिन कापणनीस के थ्रू मनोहर हिरे को उनके बेटे की शादी में एमसीए क्लब लॉन्स, बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स, मुंबई में आयोजित बेटे की शादी में उन्हें 10 तोले सोने की चेन गिफ्ट की। 10 तोले सोने की कीमत उस वक्त तीन लाख रुपये थी। तत्कालीन उपायुक्त देवीदास पवार इस घटना के चश्मदीद गवाह हैं। मनोहर हिरे ने तब देवीदास पवार से मुख्यालय का पद निकालकर नितिन कापणनीस को दे दिया था।

इसके बाद तो गणेश शिम्पी ने लूट मचा दी। अवैध निर्माण को प्रोटेक्ट करना, बदनाम बिल्डरों से दोस्ती करना उसका शगल बन गया। एसीबी कार्रवाई से बचने के लिए इसने अपने गुरु समान, चड्ढी-बड्डी दोस्त युवराज भदाने का तरीका अपनाया। तकरीबन महीने भर इसने अवैध निर्माण पर कोई कार्रवाई नहीं की। इसके बाद फुल स्पीड में शुरू हो गया। नकद को अवॉइड करने लगा। इसके बदले अपने नाम, मटका-लॉटरी माफिया दोस्तों के नाम, रिश्तेदारों के नाम और  महापालिका के सेवानिवृत्त लिपिक पी. ओ. पाटिल के नाम अवैध बिल्डिंगों में पार्टनरशिप लेने लगा।

आश्चर्य है कि उल्हासनगर महापालिका की आस्थापना अनुक्रमणिका में नोडल अधिकारी नाम का कोई पद ही नहीं है। बावजूद इसके गणेश शिम्पी पिछले 9 सालों से इस पद विराजमान है। बताते हैं कि अवैध निर्माण से यह प्रति माह 50 लाख रुपये कलेक्ट करता है। उसमें से आयुक्त, अतिरिक्त आयुक्त, उपायुक्त, नगरसेवक, आरटीआई एक्टिविस्ट एवं तथाकथित पत्रकारों को उनका हिस्सा देकर बचा-खुचा लेकर घर जाता है।

बावज़ूद इसके गणेश शिम्पी की भ्रष्टता और अवैध नोडल अधिकारी की पोस्टिंग के खिलाफ शिकायतें होती रहती थीं। अम्बरनाथ-उल्हासनगर के शिवसेना विधायक बालाजी किणीकर ने भी शिकायत की थी। तब आयुक्त राजेंद्र निम्बालकर ने गणेश शिम्पी के अधीनस्थ वार्ड में विजिट किया। विजिट में शिकायत सही पाए जाने पर राजेंद्र निम्बालकर ने उसे निलंबन की कारण बताओ नोटिस जारी की। एकबार फिर गणेश शिम्पी ने महापालिका के कलाकार दोस्त युवराज भदाने को प्रसन्न किया और युवराज भदाने ने राजेंद्र निम्बालकर को बॉटली में उतारा। फिर राजेन्द्र निम्बालकर का मूड चेंज हो गया। उन्होंने गणेश शिम्पी के निलंबन का विचार त्याग दिया।

इसके पहले के आयुक्त मनोहर हिरे ने 10 तोला सोने की चेन लेकर भी 31 दिसम्बर 2015 को गणेश शिम्पी को पनिश किया था। सजा के तौर पर उन्होंने गणेश शिम्पी की वेतन वृद्धि रोकने का आदेश जारी कर दिया था।

इसके बाद के आयुक्त अच्युत हांगे स्वयंभू इतने करप्ट थे कि वे गणेश शिम्पी के मायाजाल में फंसने के लिए तैयार बैठे थे। महापालिका मुख्यालय में 1 मई 2019 को फ्लैग होस्टिंग के तुरंत बाद अच्युत हांगे, प्रकाश तरे (हांगे का पीए), एकनाथ पवार (सैनेटरी इंस्पेक्टर) को लेकर गणेश शिम्पी उड़ गया। वाया हैदराबाद ये सब आंध्र प्रदेश तिरुपति बालाजी दर्शन के लिए गए। पता नहीं भगवान व्यंकटेशम इन सबकी भक्ति से खुश हुए या नहीं परन्तु अच्युत हांगे इतने प्रसन्न हो गए कि उन्होंने गणेश शिम्पी को अमरत्व का वरदान दे दिया। नोडल अधिकारी पद पर सदा-सदा के लिए बने रहने का। अच्युत हांगे गणेश शिम्पी की सेवा से इतने अभीभूत हो गए कि प्रकाश तरे, एकनाथ पवार, गणेश शिम्पी को सड़क मार्ग से लेकर नांदेड़ के पास एक ढाबे पर गए। वह ढाबा अच्युत हांगे के एक मुस्लिम मित्र का था। वहां सबने छककर मौज-मस्ती की, मटन-बिरयानी की दावत उड़ायी और फिर उल्हासनगर आये।

उल्हासनगर के कुछ पत्तलकार (सॉरी पत्रकार) गणेश शिम्पी के चाल-चरित्र पर छुटपुट छींटाकशी करते रहते थे। गणेश शिम्पी ने उसका भी रास्ता निकाल लिया। उल्हासनगर के एक लॉटरी माफिया- जो अवैध निर्माण भी करता है- के अम्बरनाथ के फार्महाउस पर उन पत्तलकारों को पार्टी दे दी। इस पार्टी में अच्युत हांगे भी शामिल हुए। चापलूसी के लिए तो कुछ कर्मचारी अपने घर से मटन बनवाकर ले गए थे। शराब, कबाब और लिफाफे का दौर चला। फिर पत्तलकारों ने गणेश शिम्पी की जान बक्श दी।

बावज़ूद इसके गणेश शिम्पी के खिलाफ शिकायतें तो होती रहती थीं। तात्कालिक आयुक्त सुधाकर देशमुख ने गणेश शिम्पी पर कार्रवाई का मन बनाया तो इसने उन्हें लेटेस्ट आई-फ़ोन और लेटेस्ट आई-पैड का ऑफर दे दिया। सुधाकर देशमुख साहब खुश हो गए। पर सुधाकर देशमुख का अचानक तबादला हो गया। वे पनवेल चले गए। ईमान और ज़ुबान के पक्के गणेश शिम्पी ने पनवेल जाकर सुधाकर देशमुख को आई-फोन और आई-पैड गिफ्ट दिया। यकीन न हो तो आयुक्त कार्यालय के क्लर्क प्रकाश तरे से पूछ लीजिये। प्रकाश तरे है तो क्लर्क परंतु सबको कमिश्नर का पीए बताता है। गणेश शिम्पी इसी प्रकाश तरे को साथ लेकर पनवेल गया था। इतना ही नहीं आई-फोन की बैटरी खराब निकल गई तो गणेश शिम्पी ने पनवेल जाकर सुधाकर देशमुख को नई बैटरी चेंज कर के दी। इस घटना का ज़िक्र इसलिए कर दिया कि वर्तमान आयुक्त अज़ीज़ शेख निराश न हों। उल्हासनगर महापालिका में गणेश शिम्पी, प्रकाश मुले, नीलम बोडारे, ज़मीर लेंगरेकर जैसे एक से एक ईमान के पक्के, ज़ुबान के पक्के अधिकारी, कर्मचारी हैं।

हां, गणेश शिम्पी ने सुधाकर देशमुख को जो आई-फोन और आई-पैड गिफ्ट दिया था, उसका बिल एबीआई (अकेला ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन) के पास मौजूद है। क्रमशः…

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