अकेला
पिछले अंक में आपने पढ़ा कि स्वापक नियंत्रण ब्यूरो (NCB) का उप महानिदेशक ज्ञानेश्वर सिंह सरकारी दौरे पर गुजरात गया था। वहां उसने मुंबई की कॉलगर्ल परमिता भौमिक के साथ तीन रातें बितायीं। अब पढ़िए कि वही ज्ञानेश्वर सिंह रॉकेट से भी ज़्यादा तेज़ उड़ने वाला सुपरमैन भी है। मसलन ज्ञानेश्वर सिंह ऐसा सुपरमैन है जो एक दिन, एक ही समय में दिल्ली, लखनऊ और जम्मू-कश्मीर में एक साथ उपस्थित रहता है।
हिमाचल प्रदेश कैडर का 1999 बैच का आईपीएस ज्ञानेश्वर सिंह वर्ष 2021 में फिल्म अभिनेता शाहरुख़ खान के बेटे आर्यन खान को ड्रग्स पजेशन मामले से बाइज़्ज़त बरी करने की वजह से सुर्ख़ियों में आया था। आर्यन खान को सिर्फ बाइज़्ज़त बरी ही नहीं किया बल्कि अपने ही अधिकारी समीर वानखेड़े को रिश्वतखोर घोषित कर दिया। खुद अव्वल दर्जे का करप्ट ज्ञानेश्वर सिंह की एक और हरकत सामने आई है।
जब्त किये गए मादक पदार्थ को नष्ट किये जाने की कठिन कानूनी प्रक्रिया होती है। इसके लिए हाई लेवल ड्रग डिस्पोजल कमेटी (HLDDC) बनाई जाती है। इस कमेटी का चीफ खुद वहां उपस्थित होता है। उसकी नज़र के सामने ड्रग की चेकिंग होती है। सील खोली जाती है। वजन किया जाता है। और फिर उसे डिस्ट्रॉय किया जाता है। पूरी प्रक्रिया के बाद डिस्पोजल रिपोर्ट पर चीफ सिग्नेचर करता है।
ऐसा ही एक ड्रग डिस्पोजल 3 मार्च 2023 को दिल्ली, लखनऊ और जम्मू-कश्मीर में एक साथ हुआ था। उस दिन ज्ञानेश्वर सिंह दिल्ली में था। लेकिन ऑन पेपर वह एक साथ तीनों स्थानों पर उपस्थित था। मतलब तीनों स्थानों की डिस्पोजल रिपोर्ट पर उसकी उपस्थिति के हस्ताक्षर हैं।
NCB के सूत्र बताते हैं कि ज्ञानेश्वर सिंह हैबिचुअल फ्रॉड है। ऐसी हरकत वह गुवाहाटी की नार्को समन्वय केंद्र (NCORD) की डिस्पोजल प्रक्रिया में भी कर चुका है। ज्ञानेश्वर सिंह NCORD की ड्रग डिस्पोजल प्रक्रिया में शामिल नहीं हुआ था, लेकिन डिस्पोजल प्रक्रिया की रिपोर्ट पर उपस्थित रहने के उसके हस्ताक्षर हैं।
प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने देश में नशा मुक्ति अभियान चलाया हुआ है। रोज़ाना देश में बड़े पैमाने पर ड्रग्स तस्कर पकड़े जा रहे हैं और हजारों किलो ड्रग्स बरामद हो रही है। गृह मंत्री अमित शाह तो खुद इस अभियान को मॉनिटर करते हैं। आश्चर्य है कि ज्ञानेश्वर सिंह नरेंद्र मोदी और अमित शाह को भी हल्के में लेता है। वह वातानुकूलित कमरे में बैठकर NCB के एक्शन को मॉनिटर करता है। और झूठी रिपोर्ट बनाता है।
ज्ञानेश्वर सिंह की इस काण्ड की भी इन्फॉर्मेशन ABI ने प्रधान मंत्री कार्यालय, गृह मंत्री कार्यालय, गृह सचिव कार्यालय, केंद्रीय सतर्कता आयोग, सीबीआई, एनसीबी और मुख्य सचिव- हिमाचल प्रदेश सरकार जैसे सभी महत्वपूर्ण विभागों को लिखित में दे दी है। जारी….
Government of India must act against Habitual criminal officers like above Gyaneshwar Singh
Most unfortunate