अकेला 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाई प्रह्लाद मोदी का उल्हासनगर आकर बकबक करना भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय (दिल्ली) कार्यालय को नागवार गुजरा है। इस बाबत शीर्ष नेतृत्व ने पूरे प्रकरण की गुप्त रिपोर्ट मांगी है।

29 जुलाई 2021 को एबीआई ने ‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाई अब ‘सुनेंगे’ और ‘सुलझाएंगे’ उल्हासनगर के मटका, जुआ, बुकियों, व्यापारियों की समस्याएं’ शीर्षक से खबर प्रकाशित की थी। खबर के अनुसार उल्हासनगर की उल्हासनगर ट्रेड एसोसिएशन (यूटीए) और फोरम ऑफ़ मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन (एफओएमए) ने प्रह्लाद मोदी को व्यापारियों की समस्याओं से अवगत कराने के लिए उल्हासनगर बुलाया था। खबर ये थी कि जिन-जिन लोगों के बुलावे पर प्रह्लाद मोदी उल्हासनगर आये थे सब शहर की बदनाम शख्सियत हैं। कोई बुकी है, कोई सट्टेबाज़ है, कोई मटका चलाता है, कोई जुआ खेलाता है, कोई बड़ा चीटर है, कोई शराब माफिया है, कोई पुलिस का दलाल है और कोई अवैध निर्माण करता है।

एबीआई की न्यूज़ पढ़ने के बाद प्रह्लाद मोदी की बेटी ने आगाह किया कि मंच पर कोई दागी व्यक्ति न बैठ पाए। बावजूद इसके मंच पर सुमित चक्रवर्ती, राम वाधवा, मनोज लासी और निरंजन टेकचंदानी उर्फ़ बेबी सेठ को बैठा दिया गया। भाजपा प्रवक्ता रह चुके राम वाधवा के खिलाफ 17 आपराधिक मामले दर्ज हैं। राम वाधवा भाजपा पार्टी के विधायक कुमार आयलानी को बदनाम करने की हमेशा साजिश रचते रहते हैं। वाधवा के पिता के भी खिलाफ 6 मामले दर्ज हैं। मनोज लासी भाजपा के मनोनीत नगरसेवक हैं। उनके खिलाफ हफ्ता उगाही, विनयभंग और हत्या के प्रयास के 4 एफआईआर दर्ज हैं। हत्या के प्रयास के आरोप में वे गिरफ्तार भी हो चुके हैं। बेबी सेठ तो पेशेवर बुकी है।

प्रह्लाद मोदी आये थे तो व्यापारियों की समस्या सुनने परन्तु कर गए खूब बकवास बातें। अपने पकाऊ भाषण में उन्होंने सिंधी नकली माल बनाते थे, सिंधी नमाज़ पढ़ते थे और सिंधी शरणार्थी थे जैसे सम्बोधन से उनका दिल दुखा दिया। सिंधी समुदाय उनके व्यवहार से आहत हो गया। सिंधी व्यापारी सुमित चक्रवर्ती से भी नाराज हो गए। सुमित चक्रवर्ती उल्हासनगर ट्रेड एसोसिएशन (यूटीए) के अध्यक्ष हैं। उनके बुलावे पर ही प्रह्लाद मोदी आये थे। जब प्रह्लाद मोदी सिंधी समुदाय को नकली माल बनानेवाले, नमाज़ पढ़ने वाले और शरणार्थी कह रहे थे तो सुमित चक्रवर्ती मुस्कुरा रहे थे। एक बड़े व्यापारी ने एबीआई से कहा कि मेरा मन हुआ कि सुमित चक्रवर्ती को मंच पर ही कान के नीचे बजा दें लेकिन उसकी भी छवि क्रिमिनल की है। मैं डर गया। अब सिंधी समाज अपने हिसाब से उसे देखेगा।

प्रह्लाद मोदी की बकवास बातों का आलम ये था कि उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चायवाला नहीं कहना चाहिए, कहा। उन्होंने कहा नरेंद्र मोदी को चायवाले का बेटा कहना चाहिए। क्योंकि चाय हमारे पिताजी बेचते थे। बारी आने पर बेटे भी बेचते थे। प्रह्लाद मोदी भी चाय बेचते थे। यही बातें भाजपा केंद्रीय कार्यालय को अच्छी नहीं लगी हैं। उन्होंने इसके पहले प्रकाशित एबीआई की न्यूज़ पर एक गुप्त रिपोर्ट मांगी है।

दरअसल प्रह्लाद मोदी गुजरात में खुद एक स्तरहीन व्यक्ति माने जाते हैं। जब कोई बड़ा फायदा लेना होता है तो वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बड़े भाई बन जाते हैं। बाकी नरेंद्र मोदी के खिलाफ बकबक करते हैं। प्रह्लाद मोदी के पड़ोसी और समाज सेवक अतुल दवे ने एबीआई को बताया कि प्रह्लाद मोदी ने खुद यहाँ एक चार मंजिली इमारत का अवैध निर्माण हुआ किया है। उसे तोड़ने के लिए स्थानीय लोगों ने धरना भी दिया था। प्रधानमंत्री का भाई बनकर वे उसे टूटने से बचा रहे हैं। छः माह पूर्व बेटी को भाजपा से टिकट मांगते समय उन्होंने बताया कि नरेंद्र मोदी का नाम राशन कार्ड से निकाल दिया गया है। नरेंद्र मोदी उनके पारिवारिक सदस्य नहीं है। इसके उलट वे देश में प्रधानमंत्री का भाई बनकर घूमते हैं। सब सुख सुविधाएँ लेते हैं। हाल ही में लखनऊ एयरपोर्ट पर वे वीवीआईपी सुरक्षा की मांग कर हंगामा कर बैठे। उनका कहना था कि वे प्रधानमंत्री के भाई हैं।

उल्हासनगर में वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाई के तौर पर बुलाये गए थे न कि ऑल इंडिया फेयर प्राइस शॉप डीलर्स फेडरेशन के वाइस प्रेसीडेंट के तौर पर। जो बकवास भाषण उन्होंने दिया देखते हैं उससे व्यापारियों का क्या भला होता है।

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