घटना 6 सितम्बर, 2021 को दिन के लगभग 12 बजे की है। शिर्डी के साईं बाबा मंदिर से कुछ दूरी पर पुलिस का एक दल बिना मास्क पहने लोगों का चालान काट रहा था। मतलब 500 रुपये फाइन मार रहा था। कोई भी यात्री थोड़ी भी बात करने की कोशिश करता तो उसे कानून क्या है, का पाठ पढ़ा रहा था। वैसे भी पुलिसवालों को हमेशा इस बात का भ्रम रहता है कि कानून उनके पूज्य पिताश्री ने बनाया था। सुबह वे उसे घर से लेकर निकलते हैं। पुलिस स्टेशन में अपने ड्रॉवर में रखते हैं। जब कोई उनसे बात करने की कोशिश करता है तो वे ये डायलॉग मार देते हैं- मुझे कानून सिखा रहा है ? अच्छा तो तू अब मुझे कानून सिखाएगा ? वगैरह, वगैरह।
बिना मास्क पहने लोगों को 500 रुपये की फाइन (दंड) मार रहे इस पुलिस वाले को ध्यान से देखिये। सिविल ड्रेस में है। रंगीन शर्ट पहने है। जीन्स पैंट पहने है। अब जीन्स पैंट पर स्पोर्ट्स शूज़ पहनना आवश्यक होता है। नहीं तो मैचिंग बिगड़ जाती है। कपड़े से लगता है कि पुलिस की ड्यूटी पर नहीं अपने मामा के बेटे की शादी में आया है।
सबसे महत्वपूर्ण, उसकी मोटरसाइकिल का नंबर देखिये। नंबर है 4972 लेकिन ये पुलिस वाला स्मार्ट है। नंबर को ‘पवार’ बना दिया है। इस पुलिसवाले को, इसकी मोटरसाइकिल को इसके वरिष्ठ अधिकारी भी देखते होंगे। पर मजाल है कोई अधिकारी इस पर एक्शन ले।

इस पुलिसवाले ने सेंट्रल मोटर वेहिकल एक्ट-1989 का उल्लंघन किया है। इस पर कार्रवाई होनी चाहिए। रीजनल ट्रांसपोर्ट ऑफिसर (आरटीओ) को उसका लाइसेंस रद्द कर देना चाहिए।