नीलम बोडारे

अकेला 

अरे वो सांभा ! ये उल्हासनगर महानगरपालिका वाले (अधिकारी/कर्मचारी) कौन सी चक्की का आटा खाते हैं रे। बेशर्म-दर-बेशर्म हैं। खाऊ-दर-खुजाऊ हैं। शिकायत, जांच, मंत्री, मंत्रालय, कोर्ट, कचहरी का इनको थोड़ा भी भय नहीं हैं। एक मामूली क्लर्क नीलम चंद्रकांत बोडारे-कदम-शेजवल (Neelam Chandrakant Bodare) को कायदे से जेल में होना चाहिए था। उसके खिलाफ शिकायतें ही शिकायतें हैं। जांच-दर-जांच चल रही है। पर उसे पदोन्नति-दर-पदोन्नति देते जा रहे हैं। अब तो असिस्टेंट कमिश्नर का ओहदा दे दिया। इसीलिए तो कहते हैं- इट हैपेन्स ओनली इन उल्हासनगर ! (It Happens Only In Ulhasnagar).

राजेंद्रसिंह भुल्लर (महाराज)

शिवसेना के वरिष्ठ नगरसेवक राजेंद्रसिंह भुल्लर ‘महाराज’ (Senior Most Corporator In Ulhasnagar Rajendrasingh Bhullar better known as Bhullar Maharaj) की शिकायत पर नीलम बोडारे के शिक्षण विभाग का ऑडिट कराने का आदेश हुआ। नीलम बोडारे को लगा कि अब वह जेल जायेगी। तब उसने विक्टिम कार्ड खेला। वीडिओ बनाकर उसने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के महिला सशक्तिकरण स्कीम की दुहाई देकर खुद को अबला नारी प्रस्तुत कर दिया। ऐसा शो किया कि भुल्लर महाराज उसके घोटालों की शिकायत कर पूरी महिला जाति पर अत्याचार कर रहे हैं। पहले इस अबला नारी (नीलम बोडारे) का बायोडाटा पढ़िए-

1– नीलम बोडारे की नियुक्ति अवैध है। जिस संगणक लिपिक पद पर नीलम बोडारे की नियुक्ति हुई थी, शिक्षण विभाग में ऐसा कोई पद ही नहीं था। 

2– 12वीं का सर्टिफिकेट फर्जी है। 

3– बी. कॉम की डिग्री फर्जी है। 

4– संगणक लिपिक से उप-लेखाधिकारी की पदोन्नति अवैध है। महापालिका की विभागीय पदोन्नति समिति (विशेष महासभा) में नीलम बोडारे को संगणक लिपिक से उप-लेखाधिकारी पद पर पदोन्नत का प्रस्ताव पास किया गया। हैरानी की बात, () नीलम के चाचा धनंजय बोडारे ने उसकी पदोन्नति का अनुमोदन किया। पहले तो धनंजय समिति के सदस्य नहीं थे दूसरे वे नीलम के पारिवारिक सदस्य हैं। उन्हें अनुमोदन का हक़ नहीं है। () दूसरे सदस्य नितेश रंगारी (कर निरीक्षक) 30 अक्टूबर 2017 से 21 दिसम्बर 2018 तक निलंबित थे। निलंबित होते वे उक्त मीटिंग में कैसे आये। () तीसरे सदस्य महेंद्र भोये (प्रशासनिक अधिकारी) का 22 अगस्त 2017 को उल्हासनगर से बाहर तबादला हो गया था। फिर महेंद्र भोये मीटिंग में कैसे आये। () विशेष कार्यकारी उपायुक्त युवराज भदाने उस दिन छुट्टी पर थे। समिति के सदस्यों में युवराज भदाने के भी हस्ताक्षर हैं। () आयुक्त राजेंद्र निम्बालकर का जिस तारीख को हस्ताक्षर है, उस तारीख को वे मंत्रालय गए थे और उस दिन मुख्यालय नहीं आये थे।

5– अपना फर्जी हस्ताक्षर देख युवराज भदाने ने तब नीलम बोडारे के खिलाफ शिकायत कर दी। उसकी पदोन्नति रद्द करने की मांग की। भुल्लर महाराज ने भी नीलम की पदोन्नति रद्द करने की मांग करते हुए शिकायत की। कल्याण (पूर्व) से भाजपा विधायक गणपत गायकवाड़ ने भी शिकायत की। इन सब शिकायतों पर आयुक्त डॉ. राजा दयानिधि ने 20 जून 2022 को प्रस्ताव (क्रमांक-8) पास कर नीलम बोडारे की अवैध पदोन्नति की जांच कराने का आदेश दिया। जांच जारी है। 

6– एक यू-ट्यूबर को इंटरव्यू देने के मामले में नीलम बोडारे को कारण बताओ नोटिस जारी हुई है। 

7– भुल्लर महाराज की शिकायत पर शिक्षण विभाग को ऑडिट कराने का आदेश हुआ है। 

8– ऑडिट कराने का आदेश होते ही शिक्षण विभाग से महत्वपूर्ण फाइलें चोरी हो गईं। शिक्षण विभाग के प्रशासनिक अधिकारी हेमंत शेजवल और नीलम बोडारे पर शक। पुलिस जांच जारी। 

9– नीलम बोडारे पर शिक्षण विभाग में घोटाले का आरोप है। उसने कई घोटाले किये हैं। इन घोटालों से तकरीबन 300 करोड़ रुपये कमाए हैं।  

10– वन्दना भदाने और मनोज शेलार ने भी नीलम बोडारे के खिलाफ शिकायतें की हैं।  

11– नीलम बोडारे के पिता चंद्रकांत बोडारे और धनंजय बोडारे की प्रताड़ना से तंग एक महिला कर्मचारी के भाई प्रशांत लहाने ने महापालिका मुख्यालय पर आग लगाकर आत्महत्या कर ली थी। 

इतनी शिकायतों और जांच के बावजूद अब जानकारी मिली है कि नीलम बोडारे को सहायक आयुक्त (वर्ग-2) का दर्ज़ा दे दिया गया है। इसके लिए भाऊराव मोहिते नामक अधिकारी ने सेवा पुस्तिका में नीलम बोडारे के नाम के आगे सहायक आयुक्त पद का उल्लेख कर दिया है। भुल्लर महाराज ने 23 अगस्त 2023 को उच्चाधिकारियों से शिकायत कर नीलम बोडारे और भाऊराव मोहिते पर कार्रवाई की मांग की है। 

इतनी बड़ी फोर्जरी, बेइमानी, धोखाधड़ी के लिए तब के आयुक्त अच्युत हांगे, डॉ. राजा दयानिधि, अतिरिक्त आयुक्त करुणा जुइकर, अतिरिक्त आयुक्त जमीर लेंगरेकर, उपायुक्त अशोक नाइकवड़े और भाऊराव मोहिते ज़िम्मेदार हैं। जांच कराने की नौटंकी कर इन अधिकारियों ने अपने-अपने हिस्से की खूब मलाई खाई है। और वर्तमान आयुक्त अज़ीज़ शेख तो खा रहा है। भ्रष्ट तंत्र खड़ा करने में अज़ीज़ शेख तो माशाअल्ला है। नीलम बोडारे का बाप चंद्रकांत बोडारे और चाचा धनंजय बोडारे शिवसेना पार्टी से जुड़े हैं। अब आप समझ जाइये कि अधिकारी किस तरह की जांच करते होंगे। भुल्लर महाराज ने पत्र में लिखा है कि नीलम बोडारे प्रकरण में बॉम्बे हाईकोर्ट का दरवाज़ा खटखटाने के अलावा उनके पास कोई और विकल्प नहीं बचा है। 

नोट: वैदिक ज्योतिष के मुताबिक नीलम रत्न धारण करनेवाले जातक बड़ी जल्दी मालामाल हो जाते हैं। परन्तु शनि के वक्री होने पर कुछ जातक उतनी ही तीव्रता से बर्बाद भी हो जाते हैं।

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