अकेला
‘प्रशासन कुम्भकर्णी नींद में सो रहा है, प्रशासन धृतराष्ट्र बना हुआ है’ मीडियावाले ऐसे कटाक्ष लिखकर मान लेते हैं कि उन्होंने बहुत कड़वी बात लिख दी है। वे अभी तक यह नहीं समझ पाए हैं कि नेताओं और बाबुओं की तरह शासक और प्रशासक की भी चमड़ियाँ बहुत मोटी हो गई हैं। दरअसल वे बहुत बेशर्म हो गए हैं। उल्हासनगर महापालिका में राजा रिजवानी अपनी पूरी सर्विस करके रिटायर हुआ। नीलम बोडारे अभी भी प्रशासन की छाती पर मूंग दल रही है। सिर्फ टाऊन प्लानिंग में ही नहीं महापालिका के सभी विभागों में फर्जी कर्मचारी काम कर रहे हैं। सभी के खिलाफ शिकायतें हैं, परन्तु प्रशासन, प्रशासक तो बेशर्मी की चादर ओढ़कर बैठा है, कार्रवाई न करने की।
राष्ट्र कल्याण पार्टी के अध्यक्ष शैलेश तिवारी, महासचिव राहुल काटकर और प्रहार जनशक्ति पार्टी के ठाणे जिला अध्यक्ष स्वप्निल पाटिल ने उल्हासनगर महापालिका मुख्यालय में टाऊन प्लानिंग विभाग से जगन्नाथ जगताप उर्फ़ जेडी को पकड़कर पुलिस के हवाले किया। जगन्नाथ ने पुलिस को बताया कि उसे पूर्व नगर रचनाकार प्रकाश मुले ने अप्वाइंट किया था। वही तनख्वाह देता था। राष्ट्र कल्याण पार्टी ने 7 जून 2022 को शिकायतें कर प्रशासन को बताया था कि टाऊन प्लानिंग डिपार्टमेंट में फर्जी कर्मचारी काम कर रहे हैं। विधायकद्वय देवेंद्र भुयार और राजकुमार पटेल ने भी राष्ट्र कल्याण पार्टी की शिकायत के हवाले से इस मुद्दे पर प्रशासन को आगाह किया था और कार्रवाई की मांग की थी।

एबीआई ने अपने कई आर्टिकल्स में लिखा है कि प्रकाश मुले ने राहुल जोते, जगन्नाथ जगताप, ऋषि प्रधान, प्रकाश पगारे, विनोद ख़ामितकर, किरण कुर्राडे, मनीषा चंदनशिवे, कविता पवार, स्वाति कदम और जागृति खरात को काम पर रखा है। इनको वह खुद पांच लाख रुपये वेतन देता है। इनमें से विनोद खामितकर तो उमपा का रिटायर्ड जूनियर इंजीनियर है। उसको भी प्रकाश मुले ने ‘काम’ पर रखा है।
इन सबसे पहले शिवसेना शहर प्रमुख और वरिष्ठ नगरसेवक राजेन्द्रसिंह भुल्लर ‘महाराज’ ने 15 नवम्बर 2021 को आरटीआई में इन्फॉर्मेशन मांगी कि टाऊन प्लानिंग डिपार्टमेंट के कर्मचारियों के नाम, पद और वेतन श्रेणी उपलब्ध कराएं। प्रशासन ने 22 दिसम्बर 2021 को बताया कि उस विभाग में सिर्फ संजय पवार, बाबासाहब सालुंखे, शाहू निकालजे, अनीता हड़के, गुलाबबाई नितरिते, माणिक सावले और सुनील केणे ही काम करते हैं। तब के आयुक्त डॉ. राजा दयानिधि से मिलकर और लिखित में भुल्लर महाराज ने शिकायत और कार्रवाई की मांग की थी कि कुछ विभागों में अवैध कर्मचारी काम कर रहे हैं। ये अवैध कर्मचारी अपने अपने विभाग के मुखिया से आर्किटेक्ट, बिल्डर, डेवलपर, तथाकथित समाजसेवक, पत्रकार, आरटीआई एक्टिविस्ट से सेटिंग करवाते हैं। कलेक्शन करते हैं। लेन देन करते हैं। ये विभाग की गोपनीय जानकारी लीक करते हैं। भविष्य में महत्वपूर्ण फाइल, दस्तावेज़ चोरी जाने का भय है। इन कर्मचारियों के पास विभाग की अलमारी की चाभी, मुहर, स्टैम्प आदि होते हैं।
इसके पहले एपी घुरगुरे नगर रचनाकार था। एसीबी ने रिश्वत लेते उसे गिरफ्तार किया था। बहुत करप्ट था। परन्तु करप्शन के मामले में प्रकाश मुले उसका भी बाप है। भुल्लर महाराज ने जगन्नाथ जगताप और प्रकाश मुले पर फिर कार्रवाई की मांग की है।
शहरवासियों को याद होगा कि उल्हासनगर महापालिका के वैद्यकीय विभाग के चीफ राजा रिज़वानी के पास पाकिस्तानी डिग्री थी। खूब हो हल्ला हुआ था। शिकायतें हुईं थीं। परन्तु वह अपनी पूरी सर्विस कर रिटायर हुआ। उस पर कार्रवाई की बात तो गई तेल लेने। रिटायरमेंट के बाद प्रशासन ने उसे सेवा विस्तार भी दे दिया था।
महापालिका में शिक्षण विभाग की उप लेखाधिकारी नीलम कदम-शेजवल-बोडारे तो अभी भी प्रशासन की छाती पर मूंग दल रही है। भुल्लर महाराज ने इस बात के प्रमाण दिए हैं कि नीलम बोडारे फर्जी अधिकारी है। उसकी नियुक्ति अवैध है। शैक्षणिक डिग्रियां फर्जी हैं। उसने करोड़ों के घोटाले किये हैं। उसके खिलाफ शिकायतें ही शिकायतें हैं परन्तु प्रशासन बेशर्मी की गठरी सर पर बाँध कर बैठा है।
उससे मज़ेदार घटना। भुल्लर महाराज ने 30 अक्टूबर 2022 को प्रशासन को पत्र लिखकर आगाह किया था कि नीलम बोडारे के विभाग की महत्वपूर्ण फाइलें चोरी हो सकती हैं। और सच में 37 दिन बाद यानि 7 दिसम्बर 2022 को फाइलें चोरी हो गईं। यह बात सबको मालूम भी है कि फाइलें किसने चुराई हैं। पर प्रशासन कोई कार्रवाई नहीं कर रहा।
एडवांस में इतनी सारी शिकायतों के बावज़ूद अगर प्रशासन कार्रवाई नहीं करता तो वह न तो कुम्भकर्णी नींद में है और न धृतराष्ट्र बना हुआ है। बेशर्म है बेशर्म। वह भी अपना हिस्सा लेकर बेशर्मी की चादर ओढ़कर सो जाता है। इस पर एक मशहूर शेर है :-
काबा किस मुंह से जाओगे ग़ालिब !
शर्म तुमको मगर नहीं आती !!
नोट : ग़ालिब के स्थान पर पाठक अज़ीज़ (शेख) रखकर पढ़ सकते हैं।