महाराष्ट्र राज्य मानवाधिकार आयोग ने अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (जेल) और राज्य सचिव (स्वास्थ्य) को पत्र लिखकर जांच रिपोर्ट माँगी है। पुणे के बिल्डर अविनाश भोसले को राज्य सरकार द्वारा संचालित जे. जे. अस्पताल और सेंट जॉर्ज अस्पताल में दी जा रही वीआईपी ट्रीटमेंट को लेकर मिली शिकायत के बाद आयोग ने यह रिपोर्ट माँगी है।
अविनाश भोसले पुणे का एक बदनाम बिल्डर है। वह एबीआईएल समूह का अध्यक्ष है। यह घोटाले करता है और राज्य सरकार को फाइनेंस करता है। आईएएस, आईपीएस, नेता और मंत्री उसके स्लीपिंग पार्टनर हैं। प्रवर्तन निदेशालय ने पहले अविनाश भोसले को गिरफ्तार किया था। इस वक्त वह यस बैंक-डीएचएफएल घोटाले में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की हिरासत में है।
मीडिया में रिपोर्ट छपी कि अविनाश भोसले को जे. जे. अस्पताल और सेंट जॉर्ज अस्पताल में वीआईपी ट्रीटमेंट दी जा रही है। उसे वीआईपी केबिन मुहैया कराई गई है। रिश्तेदारों और मित्रों के साथ वह बिंदास बिजनेस मीटिंग लेता है। उसकी निजी कार अस्पताल की पार्किंग में खड़ी रहती है। हालाँकि उसे कोई गंभीर बीमारी भी नहीं है। इसके बदले अविनाश भोसले अस्पताल के डीन और स्टाफ को पांच लाख रुपये महीना देता है।
मीडिया रिपोर्ट के आधार पर बॉम्बे हाईकोर्ट के वकील डॉ. वेदप्रकाश तिवारी ने 26 अक्टूबर 2023 को राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग से शिकायत कर दी। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने उस शिकायत को महाराष्ट्र राज्य मानवाधिकार आयोग को जांच के लिए फॉरवर्ड कर दिया। अब महाराष्ट्र राज्य मानवाधिकार आयोग ने अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (जेल), पुणे और महाराष्ट्र राज्य सचिव (स्वास्थ्य), मुंबई को पत्र लिखकर मामले की जांच करने और रिपोर्ट देने का आदेश दिया है। साथ ही धमकी भी दी है कि यदि प्रशासन एक्शन लेने में फेल रहा तो आयोग स्वतः संज्ञान लेकर कार्रवाई करेगा। इस आशय के सभी पत्र एबीआई के पास मौजूद हैं।