कस्टमर के इंतज़ार में प्रकाश मुले

अकेला 

अकेला ब्यूरो ऑफ़ इन्वेस्टीगेशन (abinet.org) ने 27 जुलाई 2023 को एक न्यूज़ प्रकाशित की थी कि यहां की कालानी को-ऑपरेटिव हॉउसिंग सोसायटी लिमिटेड ने उल्हासनगर महानगर पालिका (Ulhasnagar Municipal Corporation) में आवेदन दिया कि उसकी बिल्डिंग के पास महापालिका का एक बगीचा है उस पर कब्ज़ा कर लें क्या ? तब के टाऊन प्लानर प्रकाश मुले (Then Town Planner) का लिखित में आदेश मिलने पर सोसायटी ने बगीचे पर कब्ज़ा कर लिया। अब प्रकाश मुले का एक स्पष्टीकरण एबीआई (ABI) के हाथ लगा है, जिसमें उसने बताया है कि तब के कमिश्नर डॉ. राजा दयानिधि (Then Commissioner Raja Dayanidhi) की सहमति मिलने के बाद उसने सोसायटी को बगीचे पर कब्ज़ा करने का आदेश दिया था। 

यह विवादित कालानी को-ऑपरेटिव हॉउसिंग सोसायटी लिमिटेड (Kalani Co-operative Housing Society Limited) सीटीएस नंबर-23697, 31089, प्लॉट नंबर-1, सेक्शन- 2 ए, सीट नंबर-39, उल्हासनगर-4, जिला ठाणे में स्थित है। पहले यह मात्र तीन मंजिली बिल्डिंग थी। अब यहां 18 मंजिली बिल्डिंग बन रही है। वो भी महानगर पालिका के बगीचे पर कब्ज़ा करके। कोई प्राइम कंसल्टेंट्स बिल्डर इस बिल्डिंग को विकसित कर रहा है। 

इट हैपेन्स ओनली इन उल्हासनगर ! (It Happens Only In Ulhasnagar)

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का कटाक्ष है कि भारत में कितने तेजस्वी लोग रहते हैं। उनमें से एक तेजस्वी महेश चंदनानी ने 28 अक्टूबर 2022 को महापालिका में आवेदन दिया कि उसकी बिल्डिंग (कालानी सोसायटी) के पास महापालिका का एक गार्डेन है। इस पर कब्ज़ा कर लें क्या ? प्रधानमंत्री के उन्हीं तेजस्वी लोगों में से एक महा तेजस्वी प्रकाश मुले ने मात्र चार दिन बाद 31 अक्टूबर 2022 को लिखित में महेश चंदनानी को आदेश दे दिया कि आप महापालिका के बगीचे पर कब्ज़ा कर सकते हैं। महेश चंदनानी ने महापालिका के उक्त बगीचे पर कब्ज़ा कर लिया और बिल्डिंग का निर्माण कार्य प्रारम्भ कर दिया। 

कमिश्नर डॉ. राजा दयानिधि की सहमति

प्रकाश मुले ने अपने एक बयान (22-11-2022 का स्पष्टीकरण) में बताया है कि जब उसे महेश चंदनानी का आवेदन मिला तो उसने तब के कमिश्नर डॉ. राजा दयानिधि से इसका ज़िक्र किया। चूँकि दयानिधि आईएएस थे तो ऑटोमैटिक स्मार्ट व्यक्ति थे। ऊपर से उन्हें कर विभाग की बहुत नॉलेज थी। उन्होंने थोड़ी और छानबीन करने को कहा। बस थोड़ी और छानबीन करने के बाद प्रकाश मुले ने दयानिधि को आश्वस्त किया कि महेश चंदनानी कब्ज़ा कर सकता है। सो उसने लिखित में आदेश दे दिया कि आप महापालिका के बगीचे पर कब्ज़ा कर सकते हैं। कोई प्रॉब्लम नहीं है। ध्यान से देखिये, कमिश्नर के नाम में कितने विशेषण हैं। डॉक्टर-राजा-दया-निधि। बताते हैं कि वे इतने उदार थे कि कभी फाइल पढ़ते ही नहीं थे। बस साइन कर देते थे। वर्तमान आयुक्त अज़ीज़ शेख (Current Commissioner Aziz Shaikh) के साथ भी लगभग-लगभग वैसा ही है। कालानी सोसायटी की शिकायत उन्हें मिली है परन्तु एक्शन लेने की वे ज़हमत नहीं उठा रहे हैं। अज़ीज़ शेख इतने ज़्यादा उदार, इतने ज़्यादा डाउन टू अर्थ हैं कि सप्ताह में एक दिन वे अपने मातहत एक महिला अधिकारी के घर जाते ही जाते हैं। चाय पीने।

सिंधी संत साईं वसण शाह बगीचे पर कब्ज़ा 

कालानी सोसायटी के सेक्रेटरी महेश चंदनानी (Secretary Mahesh Chandnani) ने महापालिका के जिस बगीचे पर कब्ज़ा किया है वह सिंधी समुदाय के बड़े संत साईं वसण शाह के नाम पर था। उल्हासनगर में अब तक नाले, नाली, गली, सड़क, पब्लिक ट्वायलेट, रिजर्व प्लॉट पर ही कब्ज़ा करने का फैशन था। अब संतों के नाम वाली जगहों पर भी कब्ज़ा करने की शुरुआत हो गयी है। यह भी बताते हैं कि सिंधी समाज के लोग बड़े धार्मिक किस्म के होते हैं। संत साईं वसण शाह तो उनके भगवान जैसे हैं। कमाल है, कोई भी सिंधी नेता, समाजसेवक, पत्रकार, आरटीआई एक्टिविस्ट या और कोई संत साईं वसण शाह के नामकरण वाले बगीचे को मुक्त कराने आगे नहीं आ रहा। 

राजेन्द्रसिंह भुल्लर (महाराज)

एफएसआई चुराने का पुराना पैटर्न

वरिष्ठ नगरसेवक और शिवसेना शहर प्रमुख राजेंद्रसिंह भुल्लर ‘महाराज’ (Senior Most Corporator and also City Chief of Shiv Sena party Rajendrasingh Bhullar ‘Maharaj’) ने इसके पहले 20 फरवरी 2023 को मामा को-ऑपरेटिव हॉउसिंग सोसायटी (Mama Co-operative Housing Society) के खिलाफ शिकायत की थी। इस सोसायटी में टाऊन प्लानर प्रकाश मुले ने ठाणे महानगरपालिका का 50 प्रतिशत एफएसआई वाला कानून प्रयोग करके प्लान पास कर दिया था। पुनर्विकास वाली इमारतों के लिए उल्हासनगर में 30 प्रतिशत एफएसआई वाला कानून है। अब कालानी सोसायटी में भी ठाणे महानगरपालिका का 50 प्रतिशत वाला कानून प्रयोग कर 18 मंजिली इमारत का प्लान पास कर दिया गया है। मामा और कालानी सोसायटी में सिर्फ इतना ही कॉमन नहीं है। इसका आर्किटेक्ट भूषण रूपानी (Architect Bhushan Rupani) भी कॉमन है। भूषण रूपानी इतना करप्ट है कि एक बार उसका लाइसेंस रद्द किया जा चुका है। भुल्लर महाराज कहते हैं कि यदि भूषण रूपानी को बैन नहीं किया जाता तो शिवसैनिक उमपा मुख्यालय के गेट पर खड़े होकर उसे अंदर जाने से रोकेंगे। उसे भगाएंगे। जरूरत पड़ी तो उसका मुंह काला भी करेंगे। और इसकी जिम्मेदारी महापालिका प्रशासन की होगी।       

भुल्लर महाराज की शिकायत और एबीआई (Akela Bureau of Investigation) में न्यूज़ प्रकाशित होने के बाद अज़ीज़ शेख, अतिरिक्त आयुक्त ज़मीर लेंगरेकर, प्रभाग समिति- 3 अध्यक्ष दत्तात्रय जाधव, नोडल अधिकारी गणेश शिम्पी और टाऊन प्लानिंग डिपार्टमेंट आदि को यह जानकारी मिल गयी है कि कालानी सोसायटी ने महापालिका के बगीचे पर कब्ज़ा कर लिया है। अवैध निर्माण कर रहा है। आश्चर्य है कि कोई भी एक्शन नहीं ले रहा है। कायदे से कालानी सोसायटी का प्लान रद्द कर देना चाहिए था और महापालिका के बगीचे वाली जगह अपने कब्ज़े में ले लेनी चाहिए थी। महापालिका ने साढ़े आठ लाख रुपये खर्च कर संत साईं वसण शाह के नाम पर गार्डेन बनाया था। 

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