अजीत भाटिया

अकेला

पाठकों को पहले ही आगाह किया जाता है कि इस न्यूज़ को पढ़ने से पहले अल्फ़ा, रीगल या सत्यनारायण मेडिकल स्टोर से सिरदर्द की गोली खरीद लें। कारण, आपका दिमाग चकरघिन्नी बन सकता है। उल्हासनगर महापालिका के अधिकारियों ने (Officers Of Ulhasnagar Municipal Corporation) अजीत भाटिया (Ajit Bhatia) की निर्माणाधीन इमारत कोहिनूर रेसीडेंसी (Kohinoor Residency) को लेकर ऐसे-ऐसे सर्टिफिकेट इश्यू किये हैं, ऐसे ऐसे सर्टिफिकेट इश्यू किये हैं कि अब हम क्या कहें। खुद पढ़ लें।

अजीत भाटिया (Ajit Bhatia) और उसके पार्टनर शंकर सेवलानी (Shankar Sevlani) कोहिनूर रेसीडेंसी (Kohinoor Residency) नाम से सीटीएस नंबर-10125 से 10128, 10137 व 30343, बैरक नंबर-748, रूम नंबर-5, 6, 7, 8, सीट नंबर-46 व 64 पर बाबा बेफिक्री चौक के पास, उल्हासनगर-2 में वर्ष 2010 से बिल्डिंग का निर्माण कर रहे हैं।

स्ट्रक्चरल इंजीनियर्स एन्ड वैलूवर्स कविता कटारिया (Kavita Kataria) ने 6 जुलाई 2021 को कोहिनूर रेसीडेंसी को स्टैबिलिटी सर्टिफिकेट दिया। कविता कटारिया की के.के. कंसल्टेंट्स नाम से कंपनी है। सर्टिफिकेट में कविता कटारिया ने बताया कि बिल्डिंग ग्राउंड + 2 फ्लोर तक बन गई है। हकीकत में तब बिल्डिंग ग्राउंड + 3 फ्लोर बन गई थी। कविता कटारिया ने इसलिए ऐसा किया क्योंकि बिल्डिंग का प्लान ग्राउंड + 4 फ्लोर का पास था। अजीत भाटिया (Ajit Bhatia) रिवाइज्ड प्लान डाल रहा था। उसे वहां सेवन फ्लोर की बिल्डिंग बनानी थी। कविता कटारिया ने 3 फरवरी 2022 को टाउन प्लानर को सम्बोधित करते हुए अनापत्ति प्रमाण पत्र (NOC) भी दे दिया।

प्रकाश मुले: पैसे के लिए इतना गिर जाता है ।

अजीत भाटिया ने कविता कटारिया की जगह दुर्गेश श्रीवास्तव (Durgesh Shrivastav) को नियुक्त किया। दुर्गेश श्रीवास्तव आर्किटेक्ट, लाइसेंस्ड इंजीनियर और सुपरवाइजर हैं। अब देखिये, कविता कटारिया के सर्टिफिकेट के 24 दिन बाद यानि 30 जुलाई 2021 को दुर्गेश श्रीवास्तव ने टाउन प्लानिंग डिपार्टमेंट को अपेंडिक्स-एफ सर्टिफिकेट में बताया कि कोहिनूर रेसीडेंसी ग्राउंड + 3 तक बन गई है। प्लान चार मंजिल की पास है।

अब चौंकाने वाली बात। कविता कटारिया ने महापालिका को बताया कि ग्राउंड +2 फ्लोर तक बिल्डिंग बनी है। उसके बाद दुर्गेश श्रीवास्तव ने बताया कि ग्राउंड + 3 फ़्लोर तक बनी है। अब उसी महाशय दुर्गेश श्रीवास्तव 8 अगस्त 2021 को अपेंडिक्स-एफ सर्टिफिकेट में बता रहे हैं कि बिल्डिंग का काम प्लिंथ लेवल तक कम्प्लीट हो गया है।

अब उससे भी ज़्यादा हैरानी वाली बात महानगरपालिका के जूनियर इंजीनियर दीपक ढोले (Junior Engineer Deepak Dhole) ने कर दी। दीपक ढोले ने साइट विजिट रिपोर्ट बनाई। इस रिपोर्ट में ढोले ने लिखा है कि उन्होंने 29 सितम्बर 2021 को साइट पर जाकर निरीक्षण किया। निरीक्षण में उनको कुछ भी वायलेशन नहीं मिला। सब कुछ प्लान के हिसाब से काम हो रहा है। अब इसी साइट रिपोर्ट पर दीपक ढोले ने खुद (रिमार्क) लिखा है कि बिल्डर ने वायलेशन्स किये हैं। उससे भी बड़ी बात, नगर रचनाकार प्रकाश मुले (Town Planner Prakash Mule) ने दीपक ढोले की इस रिपोर्ट को स्वीकार कर लिया। उस पर अपना भी सिग्नेचर कर दिया। प्रकाश मुले मालूम है न महानगपालिका का सबसे भ्रष्ट अधिकारी। (Prakash Mule is top corrupt officer in Ulhasnagar Municipal Corporation).

प्रकाश मुले ने 29 सितम्बर 2021 को अजीत भाटिया को ‘अप्रूवल ऑफ़ डेवलपमेंट वर्क अप टू प्लिंथ लेवल’ का सर्टिफिकेट दे दिया। तारीख याद करिये उसी 29 सितम्बर 2021 को दीपक ढोले ने साइट विजिट किया था। प्रकाश मुले का काम इतना फ़ास्ट होता है कि उसी दिन 29 सितम्बर 2021 को ही अजीत भाटिया को प्लिंथ लेवल तक काम कम्पलीट होने का सर्टिफिकेट दे दिया।

कंस्ट्रक्शन फील्ड की जानकारी रखनेवाले एक एक्सपर्ट ने बताया कि अपेंडिक्स-एच सर्टिफिकेट में प्रकाश मुले ने जो डायमेंशन (स्केच-नक्शा) बनाया है, एक दम बकवास। उसमें लम्बाई-चौड़ाई का ज़िक्र ही नहीं है। ऐसा लगता है जैसे प्रकाश मुले शिवाजी चौक वाले रॉयल रेस्टोरेंट (Royal Restaurant) में पाव-भाजी खा रहा था। उसका पूरा ध्यान पाव-भाजी पर था और बाएं हाथ से उसने स्केच (नक्शा) बना दिया हो।

मालूम है आज की इस न्यूज़ ने आपके सिर में दर्द पैदा कर दिया होगा। पेन किलर (Pain Killer) खाओ और सो जाओ। इट हैपेन्स ओनली इन उल्हासनगर। IT HAPPENS ONLY IN ULHASNAGAR.

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