महेन्द्र मूलचंदानी

अकेला 

उल्हासनगर-1 पुलिस ने कैलाश पर्बत होटल ग्रुप ( Hotel Kailash Parbat Group) के मालिक महेंद्र मूलचंदानी (Mahendra Mulchandani) और उनके पारिवारिक सदस्यों के खिलाफ छल, बेईमानी, अतिचार, फोर्जरी और ट्रेसपासिंग सहित विभिन्न धाराओं के तहत एफआइआर दर्ज किया है। इस मामले में ट्विस्ट ये है कि प्लॉट हड़पने के लिए महेंद्र मूलचंदानी ने श्री 420 के उपनाम से बदनाम अजीत भाटिया (Mr. 420 Ajit Bhatia) से डॉक्युमेंट्स बनवाये थे। (Ulhasnagar-1 police registered an FIR against Mahendra Mulchandani owner of Kailash Parbat Hotel Group under several sections of IPC. Mahendra Mulchandani is absconding with family members).   

अजीत भाटिया

उल्हासनगर-1 पुलिस ने 19 फरवरी 2023 को महेंद्र परसराम मूलचन्दानी, (Mahendra Mulchandani) हैरी मूलचंदानी (Harry Mulchandani), मनोहर मूलचंदानी (Manohar Mulchandani), गुड्डीमल मूलचंदानी (Guddimal Mulchandani),  देवीदास मूलचंदानी (Devidas Mulchandani), हरगुन मूलचंदानी (Hargun Mulchandani) और रामचंद्र मूलचंदानी (Ramchandra Mulchandani) के खिलाफ भादंसं की धारा 465, 467, 468, 471, 447, 427 और 34 के तहत एफआइआर (संख्या- 139/2023) दर्ज किया है। शिकायतकर्ता अर्जन उर्फ़ अज्जू रामरख्याणी ने (Arjan alias Ajju Ramrakhyani) आवेदन में अजीत भाटिया का भी नाम डाला था लेकिन पुलिस ने उसे आरोपी नहीं बनाया। उसका नाम अन्य 5 से 7 आरोपियों में पेंडिंग कर जांच कर रही है।

एफआइआर के अनुसार अज्जू रामरख्याणी का बैरक नंबर- 748 के बगल, उल्हासनगर-2 में यू- 64, सीटीएस-10085/86, सीट-46 (53 स्क्वॉयर यार्ड), यू-80, सीटीएस-10087, प्लॉट-74 (पार्ट), चलता-77, सीट-46 (525 स्क्वॉयर मीटर) एक प्लॉट है। इसी प्लॉट के बगल महेंद्र मूलचंदानी का भी प्लॉट है। यह प्लॉट झूलेलाल ट्रस्ट स्कूल (Jhulelal Trust School) के नाम है। महेंद्र मूलचंदानी का समस्त परिवार इस ट्रस्ट का सदस्य है। 

महेंद्र मूलचंदानी ने कुछ वर्ष पूर्व अज्जू रामरख्याणी के प्लॉट को हड़पने की कोशिश की तो अज्जू रामरख्याणी बॉम्बे उच्च न्यायालय की शरण में गए। बॉम्बे उच्च न्यायालय ने उन्हें अलग-अलग मामलों में दो स्टे दे दिया। स्टे मिलने के बाद अज्जू ने अपने प्लॉट को पतरे से घेर दिया। महेंद्र मूलचंदानी ने कैलाश पर्बत होटल के जरिये नाम और पैसा कमा लिया है। भाजपा के कुछ नेता और एक चिरकुट व्यक्ति (जिसके बाप का पता नहीं। जो किसी दूसरे व्यक्ति को अपना बाप कहता है) का साथ मिल गया। इनकी शह पर महेंद्र मूलचंदानी ने पिछले हफ्ते अज्जू रामरख्याणी के पतरे को तोड़कर प्लॉट पर कब्ज़ा कर लिया। कुछ वृक्ष भी काट दिए। प्लॉट पर गेट लगा दिया। अज्जू रामरख्याणी अपने डॉक्युमेंट्स के साथ उल्हासनगर-1 पुलिस स्टेशन गए। पुलिस ने उनके डॉक्युमेंट्स की सत्यता की जांच की और सत्य पाने पर महेंद्र मूलचंदानी और उनके ट्रस्ट के सदस्यों के खिलाफ एफआइआर दर्ज किया।

महेंद्र मूलचंदानी अजीत भाटिया से बनवाये डॉक्युमेंट्स के आधार पर दावा कर रहे थे कि प्लॉट उनका है। रिजल्ट : महेंद्र मूलचंदानी ने भगवान झूलेलाल के नाम के ट्रस्ट और सम्मानित चेयरमैन लीलाराम मूलचंदानी (Chairman Leelaram Mulchandani) को भी क़ानून के कटघरे में खड़ा कर दिया। 

अज्जू रामरख्याणी कहते हैं, “मैंने भगवान झूलेलाल (ट्रस्ट), आदरणीय लीलाराम मूलचंदानी का नाम खराब नहीं होने दिया। इनके खिलाफ कोई शिकायत नहीं की। अजीत भाटिया के खिलाफ शिकायत की है। इस काण्ड में अजीत भाटिया और महेंद्र मूलचंदानी मास्टरमाइंड हैं। पुलिस को अजीत भाटिया को भी आरोपी बनाना चाहिए। इस केस में क्विक एफआइआर लेने के लिए पुलिस को धन्यवाद।”

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