अकेला
फैसला लिखा हुआ रखा है पहले से खिलाफ।
आप क्या ख़ाक अदालत में सफाई देंगे।।
उर्दू के मशहूर शायर वसीम बरेलवी की उपरोक्त दो लाइनें आईपीएस ज्ञानेश्वर सिंह (IPS Gyaneshwar Singh) और आईआरएस समीर वानखेड़े (IRS Sameer Wankhede) के बीच चल रहे द्वन्द्व युद्ध में सटीक बैठती हैं। हिंदी फिल्मों में काम करने वाले शाहरुख़ खान के पुत्र आर्यन खान (Aryan Khan son of Hindi films actor Shahrukh Khan) को बचाने के लिए ज्ञानेश्वर सिंह ने खुद एक विशेष जांच टीम (SET) बनाई, खुद जांच अधिकारी बन गए, खुद ही आर्यन खान को क्लीन चिट दे दी और एनसीबी अधिकारियों (ख़ासकर समीर वानखेड़े) की कार्य पद्धति पर शक जाहिर कर दिया।

समीर वानखेड़े मादक पदार्थ नियंत्रण ब्यूरो (NCB), मुंबई में आंचलिक निदेशक थे। 2 अक्टूबर 2021 को उन्होंने आर्यन खान और उसके दोस्तों को समुद्र में ड्रग्स पार्टी करते जाते समय ड्रग्स के साथ गिरफ्तार किया था। ज्ञानेश्वर सिंह एनसीबी में केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर हैं। वे उप महानिदेशक हैं। वे समीर वानखेड़े के बॉस थे। शुरुआत में ज्ञानेश्वर सिंह समीर वानखेड़े को निर्देश दे रहे थे कि कैसे आर्यन खान को गिरफ्तार करना है। स्पेशल पब्लिक प्रॉसिक्यूटर (SPP) से बात करके कैसे उसे हिरासत में लेना है। वगैरह वगैरह।
फिर पता नहीं क्या हुआ कि ज्ञानेश्वर सिंह ने अचानक बयान दे दिया कि आर्यन खान केस की जांच में अनियमितता है और समीर वानखेड़े सहित एनसीबी के सात अधिकारियों की भूमिका संदेहास्पद है। ज्ञानेश्वर सिंह यहीं नहीं रुके उन्होंने खुद एक विशेष जांच दल (Special Enquiry Team) बना ली। खुद को जांच अधिकारी (Investigation Officer) नियुक्त कर लिया। फिर वही हुआ जिसके लिए ज्ञानेश्वर सिंह ने सारी कवायद की थी। एकतरफा फैसला, (Unilateral Decision)। आर्यन खान को क्लीन चिट दे दी। समीर वानखेड़े को भ्रष्ट साबित कर दिया। शाहरुख़ खान से रिश्वत लेने का आरोप लगवा दिया। आय से अधिक संपत्ति बनाने का आरोप लगाकर सीबीआई की रेड करवा दी। आदि आदि।
अंग्रेजी में कहावत है कि ‘बॉस इज़ ऑल्वेज़ राइट’ (Boss is always right)। परन्तु समीर वानखेड़े के बॉस ज्ञानेश्वर सिंह इस बार रॉन्ग हो गए। 1999 बैच के हिमाचल प्रदेश कैडर के आईपीएस अधिकारी ज्ञानेश्वर सिंह यह भूल गए कि उनका पाला इस बार समीर वानखेड़े से पड़ा है। समीर वानखेड़े खामोशी से ज्ञानेश्वर सिंह के खिलाफ सबूत जुटाते रहे। ज्ञानेश्वर सिंह ने आर्यन खान की चार्जशीट बदल दी। नोट्स बदल दिए। इसी आधार पर आर्यन खान को जमानत मिल गई। समीर वानखेड़े ने ज्ञानेश्वर सिंह की हरकतों के सारे सबूत बॉम्बे हाईकोर्ट के समक्ष रख दिए।
7 नवंबर 2021 को शाहरुख़ खान ने ज्ञानेश्वर सिंह से एनसीबी की दिल्ली ऑफिस में मुलाकात की थी। एनसीबी के मुखबिर और आर्यन खान केस में गवाह सेनविल उर्फ़ सैम डिसूज़ा ने बॉम्बे हाईकोर्ट में शपथ पत्र देकर बताया है कि ज्ञानेश्वर सिंह ने शाहरुख़ खान से 9 लाख रुपये हवाला के जरिये दिल्ली में लिए थे। एक इन्फॉर्मर ने ईमेल के जरिये सीबीआई को इन्फॉर्म किया है कि ज्ञानेश्वर सिंह मूलतः उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले के रहने वाले हैं। बाराबंकी ड्रग्स खासकर स्मैक उत्पादन का गढ़ है। स्मैक उत्पादकों पर एक्शन के बजाय ज्ञानेश्वर सिंह लखनऊ में कार्यरत एनसीबी अधिकारी प्रशांत श्रीवास्तव, इंटेलीजेंस ऑफिसर वीर सिंह और जूनियर इंटेलीजेन्स ऑफिसर सुनील कुमार के जरिये उनको प्रोटेक्ट करते हैं। बता दें कि ये वही ज्ञानेश्वर सिंह हैं जिनसे वर्ष 2013 में कोयला घोटाले में सीबीआई ने पूछताछ की थी।
समीर वानखेड़े ने बहुत पहले एबीआई (abinet.org) से कहा था- “मेरा कातिल ही मेरा मुंसिफ है, क्या मिरे हक़ में फ़ैसला देगा।”
#Arrest IPS Gyaneshwar Singh with Khans